अमरनाथ यात्रा पर एक बार फिर प्राकृतिक संकट आ गया है। शुक्रवार को बाबा बर्फानी की गुफा के पास बादल फटने से 3 महिलाओं समेत 10 लोगों की मौत की खबर है। वहीं, 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु अब भी गुफा के पास फंसे हुए हैं। बता दें कि अमरनाथ यात्रा पहले भी कई बार प्रकृति के प्रकोप का शिकार हो चुकी है।
Amarnath Yatra Cloud Burst: अमरनाथ में बाबा बर्फानी की गुफा के पास बादल फटने से 3 महिलाओं समेत 10 लोगों की मौत की खबर है। इतना ही नहीं, 35-40 श्रद्धालु अब भी फंसे हुए हैं। बता दें कि ये हादसा शुक्रवार शाम को साढ़े 5 बजे के आसपास हुआ। जिस समय बादल फटने की घटना हुई, तब गुफा के पास 10 से 15 हजार श्रद्दालु मौजूद थे। वैसे, अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को हमेशा ही प्रकृति के प्रकोप का सामना करना पड़ा है। हर साल औसतन करीब 100 श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के दौरान प्राकृतिक हादसों में जान गवां चुके हैं। जानते हैं कब-कब प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हुए श्रद्धालु।
जुलाई, 1969 :
साल 1969 में अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने की वजह से करीब 100 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। ये अमरनाथ यात्रा में जाने वालों के साथ हुआ पहला बड़ा प्राकृतिक हादसा था। वैसे, इन प्राकृतिक हादसों की एक वजह ग्लोबल वॉर्मिंग भी है, जिसका शिकार पिछले कई सालों से अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालु हो रहे हैं।
16 जुलाई, 2017 :
अमरनाथ में बाबा बर्फानी के दर्शन को जा रहे श्रद्धालुओं से भरी एक बस जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर रामबन जिले के पास एक गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 19 से ज्यादा घायल हो गए थे।
12 जुलाई, 2018 :
अमरनाथ यात्रा के लिए जा रहे तीर्थयात्रियों का वाहन जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़े एक ट्रक से जा टकराया। इस हादसे में 13 तीर्थयात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सभी यात्री भगवती नगर आधार शिविर से कश्मीर के लिए रवाना हुए थे।
26 जुलाई, 2019
2019 में अमरनाथ यात्रा के दौरान 1 से 26 जुलाई के बीच करीब 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इन मौतों की वजह श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा यात्रा शुरू करने से दो महीने पहले तक श्रद्धालुओं को इस कठिन यात्रा के बारे में जागरूक न करना बताया गया।
क्या है अमरनाथ यात्रा?
अमरनाथ धाम हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यह कश्मीर में श्रीनगर से उत्तर-पूर्व में करीब 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा है। यह गुफा 160 फीट लंबी और 100 फीट चौड़ी है। इस गुफा की ऊंचाई करीब 30 फीट है। गुफा में स्थित बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। इस यात्रा का आयोजन अमरनाथ श्राइन बोर्ड करता है।
क्यों है अमरनाथ यात्रा का महत्व?
अमरनाथ यात्रा के दौरान बाबा बर्फानी के दर्शन करने से कई तीर्थयात्राओं का फल मिल जाता है। कहा जाता है कि बाबा अमरनाथ काशी से 10 गुना, प्रयागराज से 100 गुना और नैमिषारण्य से हजार गुना पुण्य देने वाला तीर्थस्थल है। ऐसी मान्यता है कि अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने से 23 तीर्थों के पुण्य का लाभ एक ही बार में मिल जाता है।
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