भारतीय महिलाओं का दुनिया में दबदबा, UN में भारत की पहली एम्बेसडर बनीं रुचिरा कंबोज की कहानी

पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन विजया लक्ष्मी पंडित 1953 की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष चुनी जाने वाली पहली महिला थीं। 193 सदस्यीय महासभा में लगभग 76 साल के इतिहास में केवल चार महिला अध्यक्ष थीं। 

नई दिल्ली. भारतीय महिलाओं का दुनिया में दबदबा बढ़ रहा है। राजदूत रुचिरा कंबोज( Ambassador Ruchira Kamboj) संयुक्त राष्ट्र(United Nations) में भारत की नई स्थायी प्रतिनिधि( India's first woman Permanent Representative to the UN) के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। वे न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत की पहली महिला दूत हैं। 58 वर्षीय कंबोज ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस(UN Secretary General Antonio Guterres) को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत किया।

PM मोदी की दूरगामी सोच की तारीफ
संयुक्त राष्ट्र में भारत की नई स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गवर्नेंस के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी( Geospatial Technology ) का उपयोग करने में अव्वल रहे हैं। द्वितीय भू-स्थानिक विश्व सूचना कांग्रेस(Second Geospatial World Information Congress) के लिए संयुक्त राष्ट्र के आउटरीच कार्यक्रम में राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि भू-स्थानिक टेक्नोलॉजी मानव सभ्यता के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कंबोज ने कहा कि भारत की भू-स्थानिक अर्थव्यवस्था का मूल्य वर्तमान में 5 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक है और 2025 तक 11 बिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ने की संभावना है।

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1987 भारतीय विदेश सेवा बैच की टॉपर रही हैं रुचिरा कंबोज
रुचिरा कंबोज भारतीय विदेश सेवा की 1987 बैच की अफसर हैं। यही नहीं वे 1987 सिविल सेवा बैच की भी टॉपर रही हैं। भूटान में भारत की पहली महिला राजदूत रही रुचिरा ने अपने करियर की शुरुआत फ्रांस में थर्ड सेक्रेटरी के तौर पर की थी। उन्हें फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास में सेकेंड सेक्रेटरी की जिम्मेदारी दी गई थी। रुचिरा ने 1991-96 तक विदेश मंत्रालय के यूरोप वेस्ट डिवीजन में अवर सचिव के रूप में काम किया। 1996-1999 तक वे मॉरीशस में प्रथम सचिव (आर्थिक और वाणिज्यिक) और पोर्ट लुइस में भारतीय उच्चायोग में चांसरी के प्रमुख के रूप में भी कार्यरत रहीं। रुचिरा यूनेस्को में भी भारत की राजदूत/स्थायी प्रतिनिधि के रूप में काम कर चुकी हैं। उन्हें जून में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत की स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया था। वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना, मध्य पूर्व संकट आदि सहित कई राजनीतिक विषयों पर काम कर चुकी हैं।

दिसंबर में भारत का कार्यकाल खत्म हो रहा है
भारत 15 देशों के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल के दूसरे वर्ष के आधे रास्ते में है। यानी परिषद में भारत का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त हो रहा है। इससे पहले भारत इस महीने शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र संघ के अध्यक्ष के रूप में भी अध्यक्षता करेगा। बता दें कि पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन विजया लक्ष्मी पंडित 1953 की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष चुनी जाने वाली पहली महिला थीं। 193 सदस्यीय महासभा में लगभग 76 साल के इतिहास में केवल चार महिला अध्यक्ष थीं। 

देश की सेवा करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात
पद संभालने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचीं रुचिरा कंबोज ने एक ट्वीट के जरिये कहा था कि सुरक्षा परिषद में अपने सभी सहयोगी राजदूतों से मिलकर बहुत अच्छा लगा। इस नए पद के जरिये अपने देश की सेवा करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। काम्बोज ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, मैं संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में पद संभालने के लिए बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं। खासकर इस महत्वपूर्ण वर्ष में जब हम भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

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