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युद्ध में कैसे बचाव करना है, कैसे इलाज कराना है? ताइवान के लोग करने लगे प्रैक्टिस, कभी भी हमला कर सकता है चीन
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शेल्टर्स पर फोकस करना शुरू: युद्ध की तैयारियों में शेल्टर्स को चिह्नित करना शुरू कर दिया है, जहां लोग कवर ले सकते हैं, अगर चीनी मिसाइलें बंकर्स के बजाय बेसमेंट कार पार्क, सबवे सिस्टम और अंडरग्राउंड शॉपिंग सेंटर जैसे स्थानों पर अटैक करने की तैयारी करता है। राजधानी ताइपे में 4,600 से अधिक ऐसे शेल्टर्स हैं, जिनमें लगभग 12 मिलियन लोग रह सकते हैं, जो इसकी आबादी के चार गुना से भी अधिक है।
स्थानीय मीडिया से चर्चा करते हुए 18 साल की हार्मनी वू(Harmony Wu) को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि ताइपे मेट्रो स्टेशन के पास एक भूमिगत शॉपिंग कॉनकोर्स(underground shopping concourse) यानी विशाल अंडरग्राउंड जगह है, जहां वे और न्य युवा पिछले दिनों डांस मूव्स की प्रैक्टिस कर रहे थे, युद्ध की स्थिति में एक एयर-रेड शेल्टर्स( air-raid shelter) जैसी सुरक्षित जगह में बदल दिया जाएगा। वू ने कहा-हम नहीं जानते कि युद्ध कब हो सकता है। युद्ध क्रूर है। हमने कभी इसका अनुभव नहीं किया है, इसलिए हम तैयार नहीं हैं।" 17 वर्षीय टेरेसा चांग भी यहां डांस प्रैक्टिस कर रही थीं। उन्होंने कहा-"मैं तनावग्रस्त नहीं हूं। मैं हमेशा की तरह अपने जीवन के साथ चलती हूं। जब ऐसा होना होता है, तो होता है।"
ताइपे के अधिकारी इन चिह्नित शेल्टर्स के डेटाबेस को अपडेट कर रहे हैं। इनकी डिटेल्स स्मार्टफोन ऐप पर डाल रहे हैं। सोशल मीडिया और पोस्टर अभियान शुरू कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लोग अपने निकटतम शेल्टर्स कैसे ढूंढ सकें। आश्रय के एंट्री गेट़्स को पीले रंग के लेबल के साथ चिह्नित किया जा रहा है। इसमें कागज के ए 4 टुकड़े पर डिटेल्स लिखी जा रही है, इससे पता चलेगा कि संबंधित शेल्टर में अधिकतम कितने लोग जगह ले सकते हैं।
पिछले महीने ताइवान ने पूरे द्वीप में व्यापक हवाई रेड एक्सरसाइज की थी: पिछले महीने ताइवान ने पहली बार पूरे द्वीप में एक व्यापक एयर रेड एक्सरसाइज की थी। क्योंकि कोरोनोवायरस महामारी ने रेग्युलगर एक्सरसाइज को बाधित किया था। मिसाइल हमले होने की स्थिति में नागरिकों को गाइड किया जा रहा है कि वे अपने बेसमेंट की पार्किंग में चले जाएं और अपने हाथों से अपनी आँखें और कान ढँकें, जबकि अपना मुंह खुला रखें, ताकि ब्लास्ट वेव्स का उन पर कम प्रभाव हो। सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के वू हनोक का कहना है कि पब्लिक को शेल्टर्स की तलाश में अपने साथ ले जाने के लिए सर्वाइवल किट तैयार करनी चाहिए।
यह है विवाद की जड़: चीन वन-चाइना पॉलिसी (One China Policy) के तहत अपने सीमावर्ती क्षेत्रों के कई एरिया पर अपना एकाधिकार समझता है। इसी पॉलिसी के तहत वह ताइवान को अपना अभिन्न हिस्सा मानता है। जबकि ताइवान खुद को एक आजाद देश मानता है। वहां उसकी अपनी लोकतांत्रिक सरकार है। ताइवान का अपना संविधान है। ताइवान चीन के दक्षिण पूर्वी तट की ओर बसा एक द्वीप है। अमेरिका भी वन चाइना पॉलिसी को मानता है, लेकिन ताइवान पर चीन का कब्जा नहीं देख सकता। दरअसल, ताइवान सहित आसपास के तमाम ऐसे देश हैं जिनका अमेरिका को समर्थन हासिल है। यह अमेरिकी विदेश नीति की लिहाज से काफी अहम है। ऐसे में चीन यदि ताइवान पर कब्जा कर लेता है तो पश्चिमी प्रशांत महासागर में अपना दबदबा दिखाने को स्वतंत्र हो जाएगा। गुआम व हवाई द्वीपों पर मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों को भी चीन के बढ़ते प्रभाव से खतरा हो सकता है।क्लिक करके पढ़िए पूरी बात
Photo: Reuters/ Ann Wang
नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने कहा-अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है। इस मजबूत नींव पर, हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध क्षेत्र और दुनिया में पारस्परिक सुरक्षा पर केंद्रित स्व-सरकार और आत्मनिर्णय पर आधारित एक संपन्न साझेदारी है। ताइवान में लोकतंत्र फल-फूल रहा है। ताइवान ने दुनिया को साबित किया है कि चुनौतियों के बावजूद अगर आशा, साहस और दृढ़ संकल्प है तो आप समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। ताइवान के साथ अमेरिका की एकजुटता महत्वपूर्ण है। आज हम यही संदेश लेकर आए हैं। दुनिया में लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच संघर्ष है। जैसा कि चीन समर्थन हासिल करने के लिए अपनी सॉफ्ट पावर का उपयोग करता है, हमें ताइवान के बारे में उसकी तकनीकी प्रगति के बारे में बात करनी होगी और लोगों को ताइवान के अधिक लोकतांत्रिक बनने का साहस दिखाना होगा। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने कहा-हम अपने देश की संप्रभुता को मजबूती से बनाए रखेंगे और रक्षा रेखा को बनाए रखेंगे। साथ ही, हम लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए दुनिया भर के सभी लोकतंत्रों के साथ सहयोग और एकता के साथ काम करना चाहते हैं।
Photo: Reuters/ Ann Wang