सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक और गैर कानूनी पोस्ट को लेकर केंद्र सरकार जल्द ही आईटी एक्ट (IT Act) में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। नए नियमों के तहत अब सोशल मीडिया कंपनियों को सरकार या कोर्ट से आदेश मिलने के 36 घंटे के भीतर गैर कानूनी पोस्ट हटाने होंगे।
नेशनल डेस्क। सोशल मीडिया पलेटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक और गैर कानूनी पोस्ट को लेकर केंद्र सरकार जल्द ही आईटी एक्ट (IT Act) में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। नए नियमों के तहत अब सोशल मीडिया कंपनियों को सरकार या कोर्ट से आदेश मिलने के 36 घंटे के भीतर गैर कानूनी पोस्ट हटाने होंगे। पहले यह समय सीमा 72 घंटे की थी। सरकार इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके तहत ट्विटर (Twitter), फेसबुक (Facebook), वॉट्सऐप (WhatsApp) और गूगल (Google) का संचालन होता है। नए नियमों के तहत 50 लाख से ज्यादा यूजर्स वाली कंपनी को भारत में भी अपना ऑफिस खोलना अनिवार्य किया जा सकता है। साथ ही, इन कंपनियों को एक नोडल अधिकारी भी अपॉइंट करना होगा, ताकि कानून लागू करने वाली एजेंसियां जरूरत के मुताबिक इनसे संपर्क कर सकें।
36 घंटे के भीतर हटाने होंगे पोस्ट
इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंटरमीडियरीज गाइडलाइन्स रूल्स, 2011 के तहत सरकार सोशल मीडिया कंपनियों को गैर कानूनी कंटेंट अपने प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए उत्तरदायी बनाना चाहती है। आईटी एक्ट के सेक्शन 79 में इंटरमीडियरीज के लिए ऐसा प्रावधान है। बता दें कि नोटिफाई किए जाने के बाद इन संशोधनों को लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद अगर किसी सोशल मीडिया कंपनी को कोर्ट या सरकार से आदेश मिलता है तो उन्हें 36 घंटे के अंदर पोस्ट हटाने होंगे।
सोशल मीडिया कंपनियों के जरूरी होगा ये करना
सोशल मीडिया रेग्युलेशन से संबंधित नियमों में बदलाव के बाद सोशल मीडिया कंपनियां अपने यूजर्स को समय-समय पर नियम के मुताबिक काम करने के बारे में जानकारी देने के लिए बाध्य होंगी। ये कंपिनयों को यूजर्स से प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सहमत होने के लिए भी कहना होगा। इन्हें आपत्तिजनक कंटेंट हटाने के लिए ऑटोमेटेड टूल्स का इस्तेमाल करना होगा, ताकि जल्द कंटेंट हटाया जा सके और यूजर्स तक उनकी रीच कम की जा सके।
सरकार मांग सकती है सोर्स की जानकारी
जानकारी के मुताबिक, नए नियमों के तहत सरकार सोशल मीडिया कंपनियों से गैर कानूनी कंटेंट के सोर्स के बारे में भी जानकारी मांग सकती है, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। फिलहाल, वॉट्सऐप जैसी कंपनियां इस तरह की जानकारी देने से इनकार करती रही हैं। इन कंपनियों का कहना है कि उनके प्लेटफॉर्म पर कम्युनिकेश्नस एंड-टू-एड इनक्रिप्टेड हैं। इसलिए वे गैर कानूनी कंटंट के सोर्स के बारे में नहीं पता लगा सकती हैं।
कई देशों में लागू हैं ऐसे नियम
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी 36 घंटे के अंदर गैर कानूनी कंटेंट को हटाने का प्रावधान है। कई देशों में ऐसे नियम पहले से ही लागू हैं। आईटी एक्ट के सेक्शन के 79 के तहत इंटरमीडियरीज गाइडलाइन्स को ऐसे समय संशोधित किया जा रहा है, जब सरकार के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर गैर कानूनी कंटेंट बढ़ता जा रहा है।