बॉर्डर से पीछे हटने के बाद चीन ने पहली बार कबूला कि गलवान में उसे 'नुकसान' हुआ, लेकिन बताया अधूरा सच

पिछले 9 महीने से बॉर्डर पर घुसपैठ करके आंख दिखा रहा चीन पीछे हट रहा है। इस बीच चीन ने एक नया खुलासा किया है। उसने कबूला कि पिछले साल जून में गलवान घाटी में हुई झड़प में उसके भी सैनिक मारे गए। हालांकि वो यह संख्या महज 4 बता रहा है। बता दें कि चीन और भारत की सेनाएं बार्डर से पीछे हटकर अपनी पुरानी पोजिशन पर आ रही हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 19, 2021 4:02 AM IST / Updated: Feb 19 2021, 09:33 AM IST


नई दिल्ली. पिछले साल जून में लद्दाख की गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के बाद चीन ने पहली बार कबूला कि उसे भी नुकसान पहुंचा है। उसके भी सैनिक मारे गए। हालांकि चीन यह संख्या सिर्फ 4 बता रहा है। बता दें कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल(LAC) पर तनाव कम हो रहा है। कई दौर की कमांडर लेवल की बातचीत और तनाव कम करने की कोशिशों के बाद दोनों देशों ने ऐलान किया था कि उनकी सेनाएं डिसइंगेजमेंट करेंगी। यानी पिछले 9 महीने से मोर्चेबंदी पर खड़ीं दोनों देशों की सेनाएं पीछे अपनी मूल पोजिशन पर आ जाएंगी। यह प्रक्रिया 10 फरवरी से चरणबद्ध तरीके से शुरू हो चुकी है। चीनी सैनिक अपने बंकर तोड़कर पीछे हटते दिखाई दे रहे हैं। इसकी कुछ तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए थे।


भारत के 20 जवान शहीद हुए थे

बता दें कि गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। लेकिन तब चीन ने अपने एक भी सैनिक मारे जाने की पुष्टि नहीं की थी। पिछले दिनों नार्दन कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने बताया था कि गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद 50 चीनी सैनिकों को वाहनों में ले जाते देखा गया था। हालांकि यह पुष्टि नहीं हो सकी थी कि वे मर चुके थे या घायल थे। रूसी एजेंसी TASS ने 45 चीनी जवानों के मारे जाने का अनुमान लगाया था।
-अब ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने काराकोरम पर्वत पर तैनात रहे अपने 5 सैनिकों के बलिदान को याद किया है। इनके नाम हैं-पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजीमेंटल कमांडर क्यूई फबाओ, चेन होंगुन, जियानगॉन्ग, जियो सियुआन और वांग जुओरन। इसमें से एक की मौत नदी में बहने से हुई। 

कर्नल संतोष बाबू को मिला था महावीर चक्र
गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों को गणतंत्र दिवस से पहले नई दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल में शामिल किया गया था। इनकी याद में अक्टूबर में लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी में वॉर मेमोरियल बनाया गया है। कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है।

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