चीन सीमा पर भारतीय सेना के लिए गेम चेंजर साबित होगा यह अमेरिकी टैंक, जानें क्यों है खास

भारत और अमेरिका के बीच स्ट्राइकर टैंक को लेकर बात चल रही है। यह भारतीय सेना में शामिल होते है तो चीन ले लगी सीमा पर गेम चेंजर साबित होगा। यह बहुत ऊंचे इलाके में भी काम करता है।

नई दिल्ली। चीन से लगी सीमा पर भारतीय सेना को ऐसे टैंक की जरूरत है जो सैनिकों को भी साथ में जाए। इतनी हल्की और ताकतवर हो कि ऊंचे पहाड़ी इलाके में काम कर सके। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए

भारत और अमेरिका के बीच इस समय स्ट्राइकर बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों (ICV) की नई पीढ़ी के संयुक्त निर्माण के संबंध में चर्चाओं हो रही है। यह वाहन मिलता है तो भारतीय सेना के लिए गेम चेंजर साबित होगा।

Latest Videos

अमेरिका ने हाल ही में भारत के ऊंचाई वाले इलाकों में स्ट्राइकर की मारक क्षमता और तेजी से चलने की क्षमता का प्रदर्शन करने की पेशकश की है। भारतीय रक्षा मंत्रालय इस प्रस्तावित परियोजना के लिए तीन चरण की योजना पर विचार कर रहा है।

इस प्रोजेक्ट में क्या-क्या शामिल होगा?

इस प्रोजेक्ट में शुरू में अमेरिकी विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) प्रोग्राम के तहत स्ट्राइकर्स की सीमित ऑफ-द-शेल्फ खरीद शामिल होगी। इसके बाद भारत में संयुक्त उत्पादन और इसके भविष्य के वर्जन मिलकर विकसित किया जाएगा।

योजना इस बात पर निर्भर है कि स्ट्राइकर भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करे। इसका बहुत अधिक स्वदेशीकरण हो। इसमें भारतीय सह-उत्पादन साझेदार को महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी का ट्रांस्फर शामिल है। यह रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी या निजी कंपनी के साथ हो सकता है।

भारतीय सेना को आने वाले वर्षों में अपने 2,000 से अधिक रूसी मूल के BMP-II वाहनों के मौजूदा बेड़े को बदलने के लिए भविष्य के पहिएवाले और ट्रैक वाले वाहनों की जरूरत है। रक्षा मंत्रालय इसके लिए स्वदेशी परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है।

क्यों खास है स्ट्राइकर टैंक

स्ट्राइकर आठ पहिया वाला वाहन है। इसे जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स (GDLS) कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स डिवीजन द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। तकनीकी रूप से स्ट्राइकर एक वी-हल वाला बख्तरबंद पैदल सेना वाहन है। यह 30 मिमी तोप और 105 मिमी मोबाइल गन से लैस है। स्ट्राइकर का हल हाई हार्डनेस स्टील से बना है। यह सामने की स्टील की परत 14.5 मिमी की है। वहीं, चारों तरफ 7.62 मिमी की परत है।

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान और चीन की आने वाली है शामत, भारत तैयार कर रहा ऐसा हथियार, जिससे दुश्मन देश के छूटने वाले है पसीने, जानें पूरी बात

स्ट्राइकर में बोल्ट-ऑन सिरेमिक कवच भी लगा है। यह 14.5 मिमी कवच-भेदी गोला-बारूद और 152 मिमी राउंड से सुरक्षा देता है। स्ट्राइकर में दो लोगों का दल होता है। इसमें 9 सैनिक सवार हो सकते हैं। इसमें 350 हॉर्सपावर वाला कैटरपिलर C7 इंजन लगा है। इसकी रेंज 483 किलोमीटर है। यह लगभग 100 किमी/घंटा की अधिकतम गति तक पहुंच सकता है। स्ट्राइकर वाहनों ने अन्य हल्के सैन्य वाहनों की तुलना में IED के खिलाफ बचने की बेहतर संभावना है। स्ट्राइकर को चिनूक हेलीकॉप्टरों के माध्यम से ले जाया जा सकता है। चिनूक का इस्तेमाल भारतीय वायु सेना करती है।

Share this article
click me!

Latest Videos

अब नहीं चलेगा मनमाना बुलडोजर, SC के ये 9 रूल फॉलो करना जरूरी । Supreme Court on Bulldozer Justice
'देश किसी पार्टी की बपौती नहीं...' CM Yogi ने बताया भारत को गाली देने वालों को क्या सिखाएंगे सबक
LIVE: महाराष्ट्र के गोंदिया में राहुल गांधी का जनता को संबोधन
'गद्दार' सुन रुके CM एकनाथ शिंदे, गुस्से में पहुंचे Congress दफ्तर | Chandivali
टीम डोनाल्ड ट्रंप में एलन मस्क और भारतवंशी रामास्वामी को मौका, जानें कौन सा विभाग करेंगे लीड