भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में इस महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हर संभव कदम उठा रही है। पहली लहर की तरह संकट के इस समय में पीएम मोदी काफी सक्रिय हैं। उन्होंने पिछले 1 महीने कोरोना को लेकर 27 बैठकें की हैं।
नई दिल्ली. भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में इस महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हर संभव कदम उठा रही है। पहली लहर की तरह संकट के इस समय में पीएम मोदी काफी सक्रिय हैं। उन्होंने पिछले 1 महीने कोरोना को लेकर 27 बैठकें की हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 5 ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर हुई हैं। इसके अलावा पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन और राज्यों की स्थिति को जानने के लिए मुख्यमंत्रियों से भी लगातार संपर्क में रहे हैं।
पीएम मोदी ने 16 अप्रैल से 18 मई तक कुल 27 बैठकें कीं। इस दौरान पीएम ने ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनियों के मालिकों, वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों, दवा कंपनियों, देश के बड़े डॉक्टरों के साथ कोरोना को लेकर चर्चा की। इतना ही नहीं, उन्होंन कोरोना प्रबंधन में सशस्त्र बलों की तैयारियों का भी जायजा लिया।
16 अप्रैल से 18 मई तक पीएम ने कीं ये बैठकें
16 अप्रैल- प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा बैठक की। इसमें उन्होंने देश के सबसे संक्रमित 12 राज्यों की ऑक्सीजन मांग और आपूर्ति के बारे में जानकारी ली।
17 अप्रैल - प्रधानमंत्री ने कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया।
18 अप्रैल- प्रधानमंत्री ने वाराणसी में कोरोना पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने प्रशासन से नागरिकों की हरसंभव मदद करने के लिए कहा।
19 अप्रैल- प्रधानमंत्री ने कोरोना से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों के बारे में देश के जाने-माने डॉक्टरों के साथ समीक्षा की। कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभाने के लिए उन्हें धन्यवाद कहा।
- इसी दिन पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री ने दवा उद्योग के प्रमुखों के साथ चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान दुनिया भर में 150 से ज्यादा देशों में आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गईं।
20 अप्रैल- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर के वैक्सीन निर्माताओं से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने वैक्सीन निर्माताओं से उत्पादन क्षमता बढ़ाने की अपील की।
22 अप्रैल - प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन की आपूर्ति और उपलब्धता पर उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाना, वितरण की गति बढ़ाना और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए ऑक्सीजन की सहायता प्रदान करने के लिए अभिनव तरीकों जैसे कदम उठाना जरूरी है।
23 अप्रैल- प्रधानमंत्री ने कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने स्थिति को जाना और राज्यों को हर संभव मदद का भरोसा दिया।
23 अप्रैल- प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर के अग्रणी ऑक्सीजन निर्माताओं के साथ बातचीत की। उनसे ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने की अपील की।
26 अप्रैल- प्रधानमंत्री ने कोरोना के प्रबंधन में सहायता के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की
27 अप्रैल- प्रधानमंत्री ने देश में कोविड-19 संबंधी हालात की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता और आपूर्ति में तेजी लाने वाले प्रयासों की जानकारी ली।
28 अप्रैल- प्रधानमंत्री ने वायुसेना द्वारा संचालित कोरोना संबंधित ऑपरेशन की समीक्षा की।
29 अप्रैल- प्रधानमंत्री ने कोविड प्रबंधन के लिए सेना की तैयारियों और पहलों की समीक्षा की।
30 अप्रैल- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अधिकार प्राप्त समूहों के साथ आयोजित एक बैठक में कोविड से संबंधित स्थिति की समीक्षा की। बैठक में प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि गरीबों को बिना किसी व्यवधानों के मुफ्त अनाज मिल सके, यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को राज्यों के साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया।
2 मई - प्रधानमंत्री ने मेडिकल उद्देश्यों के लिए गैसीय ऑक्सीजन के उपयोग की समीक्षा की। स्टील प्लांट, पेट्रोकैमिकल इकाइयों के साथ रिफाइनरियां, रिच कंबस्टन प्रोसेस का उपयोग करने वाले उद्योग, पावर प्लांट जैसे कई उद्योगों के पास ऑक्सीजन प्लांट हैं जो गैसीय ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं जिनका प्रोसेस में उपयोग किया जाता है। पीएम ने बैठक में इस ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने पर जोर दिया।
2 मई- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन संयंत्रों में बदलने के काम की प्रगति की समीक्षा की। ऐसे विभिन्न संभावित उद्योगों की पहचान की गई है जिनमें मौजूदा नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए परिवर्तित किया जा सकता है।
03 मई- प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से लड़ने हेतु चिकित्सा कर्मियों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए फैसले किए। इस दौरान उन्होंने एमबीबीएस छात्रों को कोरोना वॉर्ड में ड्यूटी और नीट की परीक्षाएं आगे बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय नौसेना के कोविड संबंधी प्रयासों की समीक्षा की
06 मई- प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया की समीक्षा की। इस दौरान पीएम मोदी ने दवाओं और वैक्सीन की उपलब्धता की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने देश के सबसे संक्रमित जिलों के बारे में भी जानकारी ली।
7 मई- पीएम ने 7 मई को मणिपुर, त्रिपुरा और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों से भी बात की थी। इससे पहले उन्होंने जम्मू कश्मीर और पुडुचेरी के उपराज्यपाल से भी बात करके राज्यों में कोरोना की स्थिति की जानकारी ली थी।
08 मई- पीएम मोदी ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों से भी फोन पर बात की और राज्यों में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की।
9 मई- पंजाब, कर्नाटक, बिहार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से बात की है। इस दौरान पीएम मोदी ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना की स्थिति पर चर्चा की।
12 मई को प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता और आपूर्ति की समीक्षा की।
15 मई- प्रधानमंत्री ने कोविड और टीकाकरण से जुड़ी स्थिति को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन पर जानकारी ली। साथ ही उन्होंने हाई पॉजिटिविटी रेट वाले क्षेत्रों में जांच को और बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
16 मई- पीएम मोदी ने उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पुडुचेरी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर स्थिति की जानकारी ली।
17 मई- प्रधानमंत्री ने कोरोना के हालात पर चर्चा करने के लिए देश भर के डॉक्टरों के समूह के साथ बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने मेडिकल कर्मियों की सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद कहा। पीएम मोदी ने कहा, देश इस सेवा का हमेशा ऋणी रहेगा। इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा, टेस्टिंग, दवाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं को हम तेजी से बढ़ा रहे हैं।
18 मई- प्रधानमंत्री ने कोविड-19 की स्थिति के बारे में राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों के साथ बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, वायरस के खिलाफ हथियार हैं लोकल कंटेनमेंट जोन, एग्रेसिव टेंस्टिंग और लोगों तक सही और पूरी जानकारी। कालाबाजारी पर लगाम हो, ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई हो या फ्रंटलाइन वर्कर्स का मोरल हाई रखकर उन्हें मोबलाइज करना हो फील्ड कमांडर के रूप में आपके प्रयास जिले को मजबूती देते हैं।