30वीं दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में अमित शाह ने कहा-जल विवाद का संयुक्त समाधान तलाशें राज्य

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को 30वीं दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक के दौरान दक्षिणी राज्यों से नदी जल बंटवारे के मुद्दे का संयुक्त समाधान तलाशने का आग्रह किया।
 

तिरुवनंतपुरम। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की अध्यक्षता में 30वीं दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक का आयोजन हुआ। इस दौरान अमित शाह ने दक्षिणी राज्यों से नदी जल बंटवारे के मुद्दे का संयुक्त समाधान तलाशने का आग्रह किया।

दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में दक्षिणी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने भाग लिया। बैठक में अमित शाह ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से कहा कि वे आपस में बातचीत कर अपने लंबित मुद्दों का हल करें। उन्होंने दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद के सभी राज्यों से पानी के बंटवारे से संबंधित मुद्दों के संयुक्त समाधान का पता लगाने का आह्वान किया।

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बैठक में 9 मुद्दों का हुआ समाधान
दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में 26 मुद्दों पर चर्चा हुई। 9 मुद्दों का समाधान किया गया और 17 मुद्दों को आगे विचार के लिए सुरक्षित रखा गया। इनमें से 9 मुद्दे आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन से संबंधित हैं। दरअसल, नदी के पानी के बंटवारे को लेकर दक्षिण के कई राज्यों के बीच विवाद है। इनमें  तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी मुद्दा और तेलंगाना व आंध्र प्रदेश के बीच कृष्णा नदी जल बंटवारा विवाद शामिल हैं। 

पुडुचेरी ने मांगी 2,200 करोड़ रुपए की सहायता
बैठक में पुडुचेरी ने केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में हवाईअड्डे के विस्तार सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 2,200 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता मांगी। पुडुचेरी की उपराज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने मांग किया कि हवाई अड्डे के विस्तार के लिए पड़ोसी राज्य तमिलनाडु जमीन दे। उन्होंने कहा कि पुडुचेरी सरकार खुश है कि केंद्र ने 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से 'पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता' योजना शुरू की है।

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इस योजना का उद्देश्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को शुरू करने के लिए राज्यों को ब्याज मुक्त 50 साल का कर्ज देना है। हालांकि, केंद्र शासित प्रदेशों को इस योजना के तहत शामिल नहीं किया गया है। पुडुचेरी को बड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं शुरू करनी हैं। इसके लिए हम  लगभग 2,200 करोड़ रुपये की विशेष केंद्रीय सहायता का अनुरोध करते हैं।

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