केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के पूर्वोत्तर दौरे पर हैं। दौरे के दूसरे दिन यानी रविवार को अमित शाह गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर के दर्शन करने पहुंचे। यहां से शाह मणिपुर के दौरे पर जाएंगे। असम में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में शाह का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है।
दिसपुर. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के पूर्वोत्तर दौरे पर हैं। दौरे के दूसरे दिन यानी रविवार को अमित शाह गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर के दर्शन करने पहुंचे। यहां से शाह मणिपुर पहुंचे। इस दौरान अमित शाह ने रविवार को मणिपुर में आईआईटी और मेडिकल कॉलेज की नींव रखी। इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां लोगों के बिना कहे इनर परमिट दिया। जनता के दिल की बात समझने में पीएम मोदी जैसा कोई दूसरा नेता नहीं है।
शाह ने कहा, पहले पूर्वोत्तर में लोगों को रोजी-रोटी की दिक्कत होती थी। आए दिन बंद हुआ करते थे, जिससे लोगों को परेशानी होती थी। जबसे हमारी सरकार बनी है, मणिपुर बंद नहीं हुआ है। 2014 में पीएम मोदी ने कहा था कि दोनों हाथ मजबूत होने चाहिए और नॉर्थ-ईस्ट दूसरा हाथ है।
अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, मां कामाख्या देवी मंदिर में आशीर्वाद लिया और हमारे नागरिकों की भलाई और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। इस दौरान शाह के साथ असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल और स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिश्वा शर्मा मौजूद रहे।
विपक्ष पर बरसे शाह
इससे पहले शनिवार को अमित शाह ने गुवाहाटी में कई योजनाओं की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा, असम में दो प्रमुख समस्याएं हैं, पहली घुसपैठ और दूसरी बाढ़। भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है, जो राज्य में घुसपैठ की समस्या को पूरी तरह से खत्म कर सकती है। असम में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में शाह का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है।
शाह ने कहा, एक जमाने में यहां पूर्वोत्तर के राज्यों में अलगाववादी अपना एजेंडा चलाते थे, युवाओं के हाथों में बंदूक पकड़ाते थे। आज वो सभी संगठन मुख्य प्रवाह में शामिल हो गए हैं और आज युवा अपने नए स्टार्टअप के साथ विश्व भर के युवा के साथ स्पर्धा करके अपने अष्टलक्ष्मी को भारत की अष्टलक्ष्मी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
चुनाव का मौसम आने वाला है- शाह
गृह मंत्री ने कहा, चुनाव का मौसम आने वाला है। फिर ये अलगाववाद की बात करने वाले चेहरा और रंगरूप सब बदलकर लोगों के बीच मे आएंगे। हमें उल्टा सुलटा समझाएंगे, आंदोलन की दिशा में ले जाएंगे। उन्होंने कहा, पहले 5 साल में कभी कभार कोई प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर में आता था। लेकिन मोदी जी ने 6 साल के अंदर स्वयं 30 बार पूर्वोत्तर के दौरा किया है और हर बार तौफा लेकर आए हैं।