दिल्ली दंगा क्यों हुआ? पुलिस ने पत्थर चलाए या नहीं, अमित शाह ने संसद में ऐसे 14 सवालों के जवाब दिए

 दिल्ली दंगों पर अमित शाह ने विपक्ष के एक-एक सवालों के जवाब दिए। उन्होंने लोकसभा में यह भी बताया कि आखिरी दिल्ली दंगा क्यों हुआ? क्या दंगे के दौरान पुलिस ने पत्थर चलाए? दंगे में कितने मुस्लिम और कितने हिंदू मारे गए?  

Asianet News Hindi | Published : Mar 11, 2020 2:23 PM IST / Updated: Mar 11 2020, 08:11 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली दंगों पर अमित शाह ने विपक्ष के एक-एक सवालों के जवाब दिए। उन्होंने लोकसभा में यह भी बताया कि आखिरी दिल्ली दंगा क्यों हुआ? क्या दंगे के दौरान पुलिस ने पत्थर चलाए? दंगे में कितने मुस्लिम और कितने हिंदू मारे गए? अमित शाह ने इस सबके जवाब दिए। इसके अलावा उन्होंने राहुल गांधी की एक स्पीच का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि आखिरी शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन की शुरुआत कैसे हुई? लोकसभा में अमित शाह की स्पीच को सवाल-जवाब के फॉर्म में समझने की कोशिश करते हैं।

सवाल 1 -  क्या दिल्ली दंगा एक साजिश थी"
अमित शाह ने कहा, "हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि किसी निर्दोष को दिक्कत न हो। दो एसआईटी टीम बनाई गई है। मान्यवर 152 हथियार बरामद किए गए है, जो दंगे के अंदर इस्तेमाल किए गए। कॉन्सपेरेसी का भी केस दर्ज किया गया। ऐसा दंगा तभी संभव है जब पहले से प्लानिंग की गई हो।" 

सवाल 2 - क्या दिल्ली दंगे के आरोप में निर्दोषों को भी गिरफ्तार किया गया है?
अमित शाह ने कहा, "दोषियों को पकड़ने के लिए 40 टीमों का गठन किया गया। बयानों की वीडियोग्राफी हो रही है। जिन्होंने भी दंगा करने की हिम्मत की है वह कानून से इधर-उधर भाग नहीं पाएंगे। हमने पूरी चिंता की। मैंने खुद मीटिंग ली है। जांच की प्रक्रिया में किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा। गिरफ्तार वहीं होगा, जिसके खिलाफ सबूत होगा। सबूत पहले पुलिस जांचेगी। इसलिए चिंता करने की जरूरत नहीं है।" 

सवाल 3 - क्या सीएए को लेकर मुस्लिमों को गुमराह किया गया?
अमित शाह ने कहा, "मैं इस दंगे की पृष्ठभूमि में जाना चाहूंगा। हमने पूरी लोकतांत्रिक तरीके से बिल पास किया है। सीएए के बिल को लेकर सदन में पूरी स्पष्टता थी। लेकिन देश में युवाओं को गुमराह किया गया। सीएए पर मुस्लिमों को गुमराह किया गया। कहा जा रहा है कि कोई ऐसा कानून नहीं, जो धर्म के आधार पर हो, मैं 25 ऐसे कानून जानता हूं जो धर्म के आधार पर है। मैं पटल पर रखूंगा। कई कानून धर्म के आधार पर बने हैं।"

सवाल 4 - क्या हेट स्पीच की वजह से दिल्ली दंगा हुआ?
अमित शाह ने कहा, "सीएए के विरोध में लोग बैठे थे, सीएए के पक्ष में लोग निकले तो दंगे हो गए, ऐसा नहीं है। इससे पहले भी सीएए के समर्थन में रैलियां निकली, लेकिन कहीं पर भी ऐसा नहीं हुआ। अब बताता हूं कि ऐसा क्यों हुआ। 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में सीएए के विरोध में रैली हुई। भाषण हुआ कि घर के बाहर निकलो। आरपार की लड़ाई लड़ो। अभी नहीं निकलोगे तो कायर कहलाए जाओगे। विपक्ष के यह स्पीच नहीं दिखी।" 14 दिसंबर की रैली के बाद 16 दिसंबर से शाहीनबाग में धरना शुरू हो गया। 17 फरवरी को एक स्पीच हुई। भाषण दिया गया कि 24 तारीख को डोनाल्ड ट्रम्प आएंगे तब लोग रोड पर निकले।"

सवाल 5 - दिल्ली में दंगे की शुरुआत कब हुई?
अमित शाह ने बताया, "19 फरवरी को वारिस पठान कहते हैं कि हक मांगने से नहीं मिलता, छीनना पड़ता है। मान्यवर 24 फरवरी को दंगा हो जाता है। मान्यवर बयान वापस लेने से कुछ नहीं होता। हेड स्पीच अपना असर दिखाती है। ऐसे भाषणों के बाद 23 फरवरी की रात दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर विवाद हुआ, जो 24 फरवरी को दंगे में बदल गया।"

सवाल 6 - दिल्ली दंगे में सोशल मीडिया की क्या भूमिका थी?
अमित शाह ने कहा, "सोशल मीडिया के माध्यम से करीब 60 अकाउंट ऐसे मिले जो 22-23 फरवरी को बंद हो गए। जहां पर भी अकाउंट बनाने वाले हैं पुलिस खोजकर निकालेगी। 25 मामले आईटी एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं।" 

सवाल 7 - क्या दिल्ली दंगे में पैसा भी पहुंचाया गया?
अमित शाह ने लोकसभा में कहा, "पैसा भी दिल्ली में पहुचाया गया है। हम इसकी तह तक जाएंगे। सोशल मीडिया से भड़काया गया है।"

सवाल 8 - दिल्ली दंगे में जो प्रॉपर्टी जली, उसकी उगाही कहां से होगी? क्या दंगाइयों से उगाही होगी?
अमित शाह ने कहा, "ट्रम्प आए तभी करो, ऐसे भाषणों से भड़काया गया। ये पूरा दंगा जो हुआ है, उसके अंदर बहुत सारी प्रॉपर्टी जली है। मुझे दुख है। मैं कहना चाहता हूं कि क्लेम कमीशन के गठन के लिए पत्र (दिल्ली हाईकोर्ट के जज को) लिखा है। जिन्होंने संपत्ति जलाई है उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली जाए।"  

सवाल 9 - दिल्ली दंगे में कितने लोगों की मौत हुई?
अमित शाह ने कहा, "52 भारतीयों की मौत हुई है। 142 भारतीयों के घर जले हैं। ओवैसी जी ने बड़े जुनून के साथ कहा कि मस्जिद जले। ओवैसी साहब मंदिर भी जले हैं।"

सवाल 10 - क्या दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस ने भी पत्थर चलाए?
अमित शाह ने कहा, "पुलिस ने दंगाईयों को भगाने के लिए पत्थर चलाए। वह दंगाईयों के साथ नहीं थे। लगभग 5 हजार से ज्यादा टीयर गैस के गोले छोड़े गए हैं।" कुछ लोगों ने कहा कि सीआरपीएफ, मिलिट्री भेजनी चाहिए थी। 23 तारीख को 17 कंपनी दिल्ली पुलिस की, 13 कंपनी सीआरपीएफ की मिलाकर कुल 30 कंपनियां क्षेत्र में पहले से ही रखी गई थी।" 

सवाल 11 - दिल्ली हिंसा के आरोप में कितने लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है?
अमित शाह ने बताया, "27 फरवरी से लेकर अब तक लगभग 700 एफआईआर दर्ज की गई हैं।"

सवाल 12 - पुलिस ने कितने घंटे में दिल्ली हिंसा को रोका?
अमित शाह ने बताया, "दिल्ली की जनसंख्या 1.7 करोड़ है। हिंसा की चपेट में आए इलाके की आबादी 20 लाख। दिल्ली पुलिस ने हिंसा को नियंत्रित किया। दंगों को 4% भौगोलिक क्षेत्र और दिल्ली की 13% आबादी तक सीमित रखने का काम दिल्ली पुलिस ने किया। दिल्ली पुलिस ने दंगे को फैलने से रोका। दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे में दंगे को रोका। विपक्ष को तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का अधिकार नहीं है।  

सवाल 13 - दिल्ली हिंसा प्रभावित इलाकों में डोभाल क्यों गए, अमित शाह क्यों नहीं गए? 
अमित शाह ने कहा, "मैंने ही अजीत डोभाल से विनती की। मेरे कहने पर ही वे दंगा प्रभावित इलाकों में गए। मैं इसलिए नहीं गया, क्योंकि मैं जानता था कि मैं वहां जाता तो पुलिस मेरे पीछे ही लगी रहती।" 

सवाल 14 - क्या दिल्ली हिंसा के दौरान अमित शाह ट्रम्प के साथ व्यस्त थे?
अमित शाह ने कहा, "मैं बड़े संयम के साथ इसको स्पष्ट करना चाहूंगा। मैं पूरे समय दिल्ली पुलिस के साथ था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ आगरा और डिनर पर भी मैं नहीं गया। फेस आइडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर के जरिए हमने 1100 से ज्यादा लोगों के चेहरों की पहचान कर ली है। 40 टीमें बनाई हैं। जो इनको गिरफ्तार करने के लिए दिन रात जुटी हुई हैं।"

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