दिल्ली गैंगरेप केस का दोषी पवन दिल्ली कोर्ट पहुंच गया है। उसने मंडोली जेल के 2 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उसने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसे पीटा, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट लगी।
नई दिल्ली. दिल्ली गैंगरेप केस का दोषी पवन दिल्ली कोर्ट पहुंच गया है। उसने मंडोली जेल के 2 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उसने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसे पीटा, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट लगी। कोर्ट ने जेल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब मामले की सुनवाई 12 मार्च को होगी।
20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चौथी बार डेथ वॉरंट जारी किया है, जिसके मुताबिक, चारों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी की सजा दी जानी है। इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने तीन बार और डेथ वॉरंट जारी किया है, लेकिन याचिका की वजह से रद्द कर दी गईं।
चारों दोषियों के पास नहीं बचा कोई कानूनी विकल्प
निर्भया के दोषियों के फांसी से बचने के लिए सारे कानून विकल्प खत्म हो गए है। हालांकि दोषी बचने के लिए कोई न कोई तरकीब खोज ही ले रहे हैं। लेकिन चारों दोषियों को मिलने वाले कानूनी विकल्प (क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका) खत्म हो गए हैं। अभी तक दोषी इन्हीं विकल्पों के कारण बचते आए है।
कौन हैं निर्भया के चारों दोषी?
निर्भया (Nirbhaya) के पहले दोषी का नाम अक्षय ठाकुर है। यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है। दूसरे दोषी को नाम मुकेश सिंह है। यह बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था। गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था। तीसरा दोषी पवन गुप्ता है। पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। चौथा दोषी विनय शर्मा है। विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।
क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड?
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं।
- दरिंदों ने निर्भया से दरिंदगी तो की ही इसके साथ ही उसके दोस्त को भी बेरहमी से पीटा। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।