लामा लोबज़ांग ने अपने जीवन में ऐसे कई काम किए हैं, जिसकी वजह से आज भी देश उनको याद करता है। उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जनजातियों और अनुसूचित जातियों पर उच्च शक्ति पैनल में विभिन्न भूमिकाओं में भागीदारी दिखाई है।
लामा लोबज़ांग का निधन। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और अल्पसंख्यकों के हक के लिए लड़ने वाले लामा लोबज़ांग का बीते 16 मार्च को निधन हो गया था। उनके निधन पर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने संवेदना व्यक्त किया है। इस मौके पर उन्होंने मैसेज लिखकर भेजा है। उन्होंने मैसेज में लिखा कि लामा लोबज़ांग जी के निधन के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। मैं इस कठिन समय के दौरान उनके विद्यार्थियों और अनुयायियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। लामा लोबज़ांग एक सम्मानित व्यक्ति थे, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से व्यक्तियों और समग्र समाज की आंतरिक भलाई में योगदान दिया। उनका जीवन और कार्य धम्म के उच्चतम सिद्धांतों का प्रतीक हैं।
लामा लोबज़ांग ने अपने जीवन में ऐसे कई काम किए हैं, जिसकी वजह से आज भी देश उनको याद करता है। उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जनजातियों और अनुसूचित जातियों पर उच्च शक्ति पैनल में विभिन्न भूमिकाओं में भागीदारी दिखाई है। इसके अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ और जैसे संगठनों में बौद्धों का नेतृत्व किया है। विश्व फैलोशिप ने बौद्ध दर्शन के प्रसार और वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देने के प्रति उनके समर्पण का उदाहरण दिया।
लामा लोबज़ैंग का जाना एक खालीपन सा छोड़ गया- अमित शाह
अमित शाह ने मैसेज में लिखा कि लामा लोबज़ैंग का निधन जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र में एक परिवर्तन का प्रतीक है। उन्होंने अपनी शिक्षाओं में जो विरासत छोड़ी है वह उनके विद्यार्थियों और समाज के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में काम करती रहेगी। उनका जाना एक खालीपन सा छोड़ गया है। जिसे आसानी से नहीं भरा जा सकता। उनकी आत्मा को सद्गति प्राप्त हो!