केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने त्रिपुरा (Tripura Assembly election) के चांदीपुर में विजय संकल्प रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिन कम्युनिस्टों ने सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को मारा उनके साथ कांग्रेस इलू-इलू कर रही है।
चांदीपुर (त्रिपुरा)। त्रिपुरा में हो रहे विधानसभा चुनाव (Tripura Assembly election) के लिए भाजपा ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। पार्टी के बडे़ नेता राज्य में रैलियां कर रहे हैं। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने रविवार को चांदीपुर में विजय संकल्प रैली को संबोधित किया। इन दौरान उन्होंने कहा कि जिन वामपंथी पार्टियों ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को मारा उनके साथ कांग्रेस इलू-इलू कर रही है।
अमित शाह ने कहा, "ये चुनाव त्रिपुरा के लिए निर्णायक है। आपने कई साल तक कांग्रेस का शासन देखा है। 27 साल तक वामपंथियों का शासन देखा है। दोनों ने त्रिपुरा के विकास के लिए कुछ नहीं किया। त्रिपुरा में भाजपा के शासन के 5 साल में विकास हुआ। इतने साल से लाल भाइयों (वामपंथी दलों) की सरकार थी। उन्होंने कभी भी आदिवासियों का कल्याण नहीं किया। वे छलावा करने के लिए एक आदिवासी चेहरे को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाकर लाए हैं। इससे उन्हें आदिवासियों का वोट नहीं मिलेगा।"
भ्रष्टाचार के लिए साथ आए हैं कांग्रेस और वामपंथी दल
गृह मंत्री ने कहा, "कम्युनिस्टों ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर यह स्वीकार कर लिया है कि वे अकेले भाजपा का सामना नहीं कर सकते। जिन कम्युनिस्टों ने सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को मार दिया उन कम्युनिस्टों के साथ आज कांग्रेस इलू-इलू कर रही है। जरा शर्म करो। आपके कैडर को जिसने मारा, सत्ता हथियाने के लिए आप उनके साथ गए हैं। उन्होंने मोथा को मोहरा बना दिया है। ये सभी एक हैं। इन सबको यहां भ्रष्टाचार करना है। किसी को विकास नहीं करना है। विकास करना है तो भाजपा को जिताओ।"
यह भी पढ़ें- करोड़ों लोगों में आशा का संचार करता है महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा दिखाया गया मार्ग: नरेंद्र मोदी
भाजपा के राज में आई शांति
अमित शाह ने कहा, "हमने पांच साल में यहां शांति स्थापित किया है। अगले पांच साल में भाजपा त्रिपुरा को समृद्ध बनाएगी।" अमित शाह ने कांग्रेस, वामपंथी दलों और त्रिपुरा मोथा पार्टी को ट्रिपल ट्रबल गठबंधन बताया। उन्होंने कहा कि ये तीन त्रिपुरा के लिए आफत हैं। इनसे बचना है तो डबल इंजन की सरकार लानी होगी। उन्होंने कहा, "जब मैं यहां 2016-17 में आया था तो सभी लोग कम्युनिस्टों से त्राही-त्राही कर रहे थे। पीने के लिए पानी का कनेक्शन लेने के लिए उनकी कैडर के पास जाना होता था। हर काम के लिए कम्युनिस्टों के कैडर के पास जाना होता था। 27 साल बाद कैडर से मुक्ति मिली है। इस कैडर वालों को घुसने नहीं देना। नहीं तो फिर से गरीबों का हिस्सा सीपीआईएम वाले अपनी पार्टी में ले जाएंगे।"
यह भी पढ़ें- 16 फरवरी को होगा दिल्ली मेयर का चुनाव, AAP और BJP के बीच टकराव के चलते 3 बैठकें रहीं हैं बेनतीजा