700 जंगली जानवरों को मारने जा रहा नामीबिया, बचाने को अनंत अंबानी ने की ये पहल

नामीबिया में सरकार ने 700 से अधिक जंगली जानवरों को मारने का फैसला किया है। वंतारा फाउंडेशन ने इन्हें जीवनदान देने के लिए मदद का प्रस्ताव दिया है। फाउंडेशन ने सरकार से जानवरों की हत्या के बजाय वैकल्पिक उपायों पर विचार करने का आग्रह किया है।

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीकी देश नामीबिया भीषण सूखे (Namibia Drought) का सामना कर रहा है। लोग भूखे मर रहे हैं। यहां की सरकार ने जंगली जानवरों को मारकर उसने मांस से लोगों का पेट भरने का फैसला किया है। इसके लिए 700 से अधिक जानवरों को काटा जाएगा।

जंगली जानवरों को बचाने के लिए उद्योगपति अनंत अंबानी (Anant Ambani) ने बड़ी पहल की है। उनकी संस्था वंतारा फाउंडेशन (Vantara Foundation) ने मदद देने के लिए नामीबिया सरकार से संपर्क किया है। नामीबिया के अधिकारियों को लिखे पत्र में वंतारा फाउंडेशन ने नामीबिया में सूखे के विनाशकारी प्रभाव पर चिंता व्यक्त की। रिपोर्ट्स के अनुसार स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि जानवरों को मारने पर विचार किया जा रहा है। ऐसे में फाउंडेशन द्वारा एक विकल्प का प्रस्ताव दिया जा रहा है।

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जिन जानवरों को मारा जाना है फाउंडेशन उनके आजीवन देखभाल या रहने के लिए अस्थायी जगह देने के लिए तैयार है। वनतारा फाउंडेशन के पास जानवरों को बचाने का ट्रैक रिकॉर्ड है। हम ऐसे जानवर जिनकी हत्या की जानी हो उन्हें रहने के लिए जगह देते हैं। उन्हें जीने का एक नया अवसर देते हैं। फाउंडेशन नामीबिया सरकार के साथ मिलकर जानवरों की हत्या करने के बदले दूसरे विकल्प तलाश करने की उम्मीद करता है। इससे देश के कीमती वन्यजीवों का जीवन बचेगा। पत्र के अंत में कहा गया है, "हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया हमारी टीम द्वारा तैयार किए गए विभिन्न विकल्पों और प्रस्तावों को सुनें और उन पर विचार करें।"

अपने लोगों को खिलाने के लिए 700 से अधिक जंगली जानवरों को मारने जा रहा नामीबिया

बता दें कि नामीबिया अपने लोगों का पेट भरने के लिए 700 से अधिक जंगली जानवरों को मारने जा रहा है। यहां 100 साल का सबसे भीषण सूखा पड़ा है। सरकार ने 83 हाथी, 30 हिप्पो, 60 भैंस, 50 इम्पाला, 100 ब्लू वाइल्डबीस्ट, 300 जेबरा और 100 एलैंड (एक प्रकार का मृग) को मारने का फैसला किया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार देश के 84% खाद्य भंडार पहले ही समाप्त हो चुके हैं। 25 लाख की आबादी में से लगभग आधे लोगों को जुलाई और सितंबर के बीच भीषण भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है।

नामीबिया ने सूखे के कारण मई में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी। सरकार ने कहा है कि वन्य जीवों को केवल राष्ट्रीय उद्यानों और सामुदायिक क्षेत्रों में ही मारा जाएगा। पेशेवर शिकारी जानवरों को मारेंगे। मांस को सूखे से प्रभावित लोगों, खासकर ग्रामीण इलाकों में बांटा जाएगा। मोरक्को वर्ल्ड न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार यहां अब तक 157 से ज्यादा जानवरों को मारा जा चुका है। इससे लगभग 63 टन मांस मिला है। अधिकारियों ने कहा कि जंगली जानवरों को मारने से न केवल लोगों को भोजन मिलेगा, बल्कि पानी और चरागाह जैसे संसाधनों पर दबाव भी कम होगा।

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