आंध्र प्रदेश की नई राजधानी का ऐलान: जानिए क्यों जगन मोहन रेड्डी ने अमरावती की जगह विशाखापत्तनम को बनाई राजधानी

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि वह आने वाले महीनों में विशाखापत्तनम से ही कामकाज करेंगे।

Andhra Pradesh new capital: आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अब विशाखापत्तनम होगा। आने वाले महीनों में सारे सरकारी ऑफिस, सीएमओ को वहां ट्रांसफर किया जाएगा। इन्वेस्टर्स समिट के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित कर रहे मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने नई राजधानी के बारे में जानकारी दी है। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि वह आने वाले महीनों में विशाखापत्तनम से ही कामकाज करेंगे।

क्या बताया मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने?

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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि राज्य की नई राजधानी विशाखापत्तनम होगी। आने वाले महीनों में राजधानी से कामकाज शुरू हो जाएगा। आने वाीले महीनों में नई राजधानी में सारे ऑफिस ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। दरअसल, आंध प्रदेश में राजधानी को लेकर लगातार विवाद रहा है। जगन मोहन रेड्डी के मुख्यमंत्री बनने के बाद वाईएसआर कांग्रेस ने ऐलान किया था कि राज्य की तीन राजधानियां होंगी। लेकिन विरोध के बाद हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दिया। सरकार इस प्रस्ताव से पीछे हटने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंची। मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

तीन राजधानियों को लेकर यह है जगन सरकार की सोच

जगन मोहन रेड्डी सरकार ने कहा था कि राज्य में तीन राजधानी बनाने की योजना है। इस प्रस्ताव को 2020 को लाया गया था। प्रस्ताव के अनुसार कार्यपालिका के लिए विशाखापत्तनम राजधानी होगी जबकि विधायिका के लिए अमरावती और न्यायपालिका के लिए कुरनूल को राजधानी बनाया जाएगा। लेकिन विरोध के बाद इस प्रस्ताव को वापस ले लिया गया। हालांकि, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी तीन राजधानियों के प्रस्ताव पर टिके हुए हैं।

तेलंगाना बनने के बाद आंध्र की राजधानी हैदराबाद दूसरे राज्य में चला गया

दरअसल, आंध्र प्रदेश का विभाजन करके 2014 में तेलंगाना राज्य बनाया गया। इसके बाद हैदराबाद तेलंगाना में चला गया। अधिकारिक तौर पर कोई राजधानी नहीं होने की वजह से आंध्र प्रदेश की सरकार, जिसका नेतृत्व तेलगुदेशम पार्टी के एन.चंद्रबाबू नायडू कर रहे थे, ने 2015 में अमरावती को राजधानी बनाने का ऐलान किया। अमरावती कृष्णा नदी के तट पर विजयवाड़ा-गुंटु क्षेत्र में है।

लेकिन चंद्रबाबू की सरकार जाते ही राजधानी का विवाद गहराया

चंद्रबाबू नायडू की सरकार जाने के बाद जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व में वाईएसआर कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाई। रेड्डी ने अमरावती में राजधानी बनाने के नाम पर जमीन खरीदने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। साथ ही जगन मोहन रेड्डी सरकार ने तीन-तीन राजधानियों के कंसेप्ट पर प्रस्ताव पेश किया। 2020 में जगन सरकार ने राज्य में तीन राजधानियां बनाने का प्रस्ताव लाया लेकिन इसका विरोध शुरू हो गया। विरोध होने के बाद राज्य सरकार को झुकना पड़ा। इसके बाद अमरावती आंतरिक तौर पर आंध्र की राजधानी बनी रही।

देश का दूसरा सबसे बड़ा तटीय शहर

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अब विशाखापत्तनम को राजधानी बनाने का ऐलान कर दिया गया है। विशाखापत्तनम को शार्ट में विजाग भी कहा जाता है। यह आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के बाद यह भारत के पूर्वी तट पर स्थित दूसरा सबसे बड़ा शहर है।

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