गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस को लगा एक और झटका, जम्मू-कश्मीर के 5 नेताओं ने दिया इस्तीफा

गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के पांच नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। पार्टी छोड़ने के बाद आजाद ने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है। जम्मू-कश्मीर में चुनाव से पहले इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका कहा जा रहा है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 26, 2022 11:51 AM IST / Updated: Aug 26 2022, 05:24 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस के कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस को एक और झटका लगा है। जम्मू-कश्मीर के पांच कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी बनाने का ऐलान किया है। कहा जा रहा है कि आजाद के करीबी कांग्रेसी नेता उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। 

जम्मू-कश्मीर के जिन पांच कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया है वे पहले विधायक रह चुके हैं। उन्होंने गुलाम नबी के साथ एकजुटता जताते हुए पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। इन नेताओं के नाम गुलाम मोहम्मद सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट्ट, गुलजार अहमद वानी, चौधरी अकरम मोहम्मद और सलमान निजामी हैं। सभी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

राहुल गांधी ने लागू किया रिमोट कंट्रोल मॉडल
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों से पहले शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर आंतरिक चुनावों के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। अपने पत्र में आजाद ने राहुल गांधी को निशाने पर लिया है। उनपर पार्टी के सलाहकार तंत्र को खत्म करने और "रिमोट कंट्रोल मॉडल" लागू करने का आरोप लगाया है। 

यह भी पढ़ें- नबी की शान में गुस्ताखी: कांग्रेस की फजीहत के लिए राहुल गांधी को बताया विलेन, 10 पॉइंट से समझिए पूरी पॉलिटिक्स

राहुल गांधी के चलते 2014 के चुनाव में मिली हार
गुलाम नबी ने कहा है कि सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को दरकिनार किया गया और अनुभवहीन चाटुकारों की नई मंडली ने पार्टी के मामलों को चलाना शुरू कर दिया है। आजाद ने राहुल गांधी द्वारा मीडिया के सामने सरकारी अध्यादेश फाड़ने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस बचकाने व्यवहार ने प्रधानमंत्री और भारत सरकार के अधिकार को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था। किसी भी चीज से अधिक इस एक कार्रवाई ने 2014 में यूपीए सरकार की हार में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

यह भी पढ़ें- जिंदगी में सिर्फ 5 बार ही रोए गुलाब नबी आजाद, राज्यसभा में खुद सुनाया था किस्सा

Share this article
click me!