दिल्ली हिंसा: नागरिकता कानून के विरोध में हिंसा का मकसद भारत के खिलाफ असहमति भड़काना था: कोर्ट

 दिल्ली की कोर्ट ने मंगलवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, नागरिक संशोधन विधेयक की आड़ में किया गया आंदोलन में हिंसा समेत अन्य गतिविधियां भी जुड़ी थीं, जिससे यह पता चलता है कि इसका उद्देश्य भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करना था।

नई दिल्ली. दिल्ली की कोर्ट ने मंगलवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, नागरिक संशोधन विधेयक की आड़ में किया गया आंदोलन में हिंसा समेत अन्य गतिविधियां भी जुड़ी थीं, जिससे यह पता चलता है कि इसका उद्देश्य भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करना था।

कोर्ट ने अवैध गतिविधि (रोकथाम) कानून’ (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार आसिफ इकबाल की दूसरी बार जमानत याचिका खारिज की। पुलिस ने पुलिस ने इकबाल पर पूर्व छात्र उमर खालिद और जेएनयू के छात्र शारजील इमाम पर मुस्लिम बहुल इलाकों में चक्का जाम (सड़क नाकेबंदी) लगाकर सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

Latest Videos

नकली दस्तावेज से खरीदी सिम का किया दंगों में इस्तेमाल
पुलिस का आरोप है कि आसिफ इकबाल तन्हा ने नकली दस्तावेजों से सिम खरीदी और इसका इस्तेमाल दंगे फैलाने में किया। पुलिस ने कहा कि इस सिम को बाद में जामिया के एक अन्य छात्र और सह-आरोपी सफोरा जरगर को भी दी गई थी।

जज ने लगाई तान्हा के वकील को फटकार
जब तान्हा के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कोर्ट में कहा कि नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले संगठन जामिया समन्वय समिति और  छात्रों के इस्लामी संगठन UAPA के तहत आतंकी संगठन नहीं थे। इस पर अतिरिक्त सत्र जज अमिताभ रावत ने कहा, ऐसे काम जो भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा हैं, सामाजिक विषमता पैदा करते हैं और लोगों के किसी भी वर्ग में आतंक पैदा करते है, उन्हें हिंसा में घिरा हुआ महसूस कराते हैं, ये भी आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं।

हालांकि, अतिरिक्त सत्र जज अमिताभ रावत इस बात से सहमत थे कि इन संगठनों पर यूएपीए के तहत मुकदमा नहीं चलाया गया था, लेकिन उन्होंने कहा, "हमें आतंकवादी अधिनियम के तहत आतंकवादी गतिविधियों को समझना होगा। 

दिल्ली दंगों में हुई थी 53 लोगों की मौत
24 फरवरी को संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए थे। ये दंगे नागरिकता कानून के समर्थकों एवं प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के बाद शुरू हुए थे। इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 200 लोग जख्मी हुए थे। 

Share this article
click me!

Latest Videos

पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
कागजों पर प्लान, सिर्फ ऐलान... क्यों दिल्ली-NCR को नहीं मिल रही धुआं-धुआं आसमान से मुक्ति?
वोटिंग के बीच नरेश मीणा ने SDM को ही मार दिया थप्पड़, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच
फर्स्ट टाइम तिरुपति बालाजी के दरबार पहुंचे Arvind Kejriwal, बताया क्या मांगी खास मन्नत
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल