निर्भया केस में दोषियों के वकील एपी सिंह ने बताया, क्यों मानते हैं कि हाथरस में रेप नहीं, ऑनर किलिंग हुई?

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 साल की दलित लड़की से कथित गैंगरेप की तुलना निर्भया केस से की जा रही है। दोनों केस में कितनी समानता है, ये तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन निर्भया केस में दोषियों के वकील एपी सिंह ही इसे भी लड़ सकते हैं। एपी सिंह का साफ तौर पर मानना है कि हाथरस में रेप नहीं हुआ, बल्कि ऑनर किलिंग का मामला है। 

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 साल की दलित लड़की से कथित गैंगरेप की तुलना निर्भया केस से की जा रही है। दोनों केस में कितनी समानता है, ये तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन निर्भया केस में दोषियों के वकील एपी सिंह हाथरस में भी दोषियों की तरफ से केस लड़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाले एपी सिंह का साफ तौर पर कहना है कि हाथरस में रेप नहीं हुआ, बल्कि ऑनर किलिंग का मामला है। एपी सिंह ने Asianet News Hindi को एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि इस केस को लेकर उनकी क्या तैयारी है? वह कोर्ट में कैसे साबित करेंगे कि मामला ऑनर किलिंग का है?

सवाल: एपी सिंह जी, सबसे पहले ये बताइए कि हाथरस केस को लेकर आपका पहला कदम क्या है?
जवाब:
हाथरस केस को लड़ने के लिए आरोपियों के परिजनों ने मुझसे संपर्क किया है। शनिवार यानी 10 अक्टूबर को सुबह 10 बजे मैं, पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे राजा मानवेंद्र सिंह और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के कुछ लोग हाथरस एसपी और आरोपियों के परिवार से मुलाकात करेंगे। इसके बाद बातचीत में आगे की रणनीति तय की जाएगी। 

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सवाल: हाथरस केस में आपको क्यों लगता है कि यह ऑनर किलिंग का मामला है?
जवाब:
हाथरस में रेप नहीं, ऑनर किलिंग हुई है। इस केस में कुल 104 कॉल हुई है। अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक आरोपी और पीड़िता के घर पर 104 कॉल हुई, जिसमें 62 कॉल आरोपी संदीप के फोन पर आई और 42 कॉल आरोपी संदीप की तरफ से पीड़िता के घर किया गया। दूसरी वजह है कि यह पूरा मामला प्रेम संबंध का है, जो पीड़िता के भाई को बुरा लगता था। 

सवाल: लड़की को चोट कैसे लगी? स्पाइनल इंजरी की क्या वजह है?  
जवाब:
6 महीने से आरोपी संदीप दिल्ली में था। उसे डांट फटकार कर भेज दिया गया था। घटना के थोड़े दिन पहले ही वह दिल्ली से घर पहुंचा था। इसी दौरान पीड़िता के भाई को शक हुआ कि वह संदीप से मिलती है। सबने कहा कि अपनी लड़की को समझाओ। ये क्यों करती है इस तरह से? फिर उसने अपनी बहन को पीटा। इसी दौरान स्पाइनल इंजरी हो गई। वह भागी। तार लगे हुए थे। बीच में खेतों में। उसमें फंस कर गिर गई, जिससे जीभ में चोट लग गई। मीडिया ने चलाया कि जीभ काट दी...जीभ काट दी। जीभ कट गई तो बाद के स्टेटमेंट कैसे दिया?

सवाल: हाथरस केस में रेप नहीं हुआ बल्कि ऑनर किलिंग का मामला है...इसे कोर्ट में कैसे साबित करेंगे?
जवाब:
मेडिकल रिपोर्ट में रेप नहीं। पहली एफआई में रेप नहीं। शुरुआती जांच में रेप नहीं। पहला स्टेटमेंट मां का है, जिसमें झगड़े की बात कही गई थी। पहली एफआईआर है 307 की। मां का स्टेटमेंट और गांव वालों का स्टेटमेंट सपोर्टिव हैं जो घटना की सच्चाई को बयां करते हैं। 

सवाल: क्या पीड़िता और आरोपी के परिवार में पहले से दुश्मनी थी?
जवाब:
पहली बात तो गांव के लोग प्रत्यक्षदर्शी हैं, जो बताते हैं कि पीड़िता और आरोपी के बीच दोस्ती थी। यह भी पता चला है कि कुछ साल पहले लड़की के पिता और लड़के के पिता में एससी एसटी एक्ट वाली बात (लड़ाई) हुई थी। लेकिन लड़के लड़कियां तो फिल्मी अंदाज में चलते हैं। बापों में लड़ाई होती हो लेकिन लड़के लड़कियों में प्यार चलेगा।

सवाल: क्या हाथरस केस में एससी- एसटी एक्ट का दुरुपयोग किया गया?
जवाब:
बहुत बड़े लेवल पर दुरुपयोग किया गया। जब प्यार था मोहब्बत थी तब कोई भी एससी-एसटी एक्ट पर नहीं बोल रहा था। जब राजनीति आ गई। नेता आ गए। उसके बाद एससी- एसटी एक्ट आ गया। नेता आ गए तो रेप आया। फिर इम्प्रूमेंट होता चला गया। फिर गैंगरेप हो गया। 

सवाल: क्या हाथरस केस भी निर्भया केस की तरह लंबा खिंच सकता है?
जवाब:
मीडिया एक्टिव रहेगा तो ऐसा नहीं होगा। बाकी मेरी तरफ से पूरी कोशिश होगी कि जल्द से जल्द फैसला हो।

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