सरकार ने थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे को चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (COSC) का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह पद जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक निधन के बाद खाली हो गया था।
नई दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) का निधन हो गया था। इसके बाद से सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे (General MM Naravane) को सीडीएस बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। नए सीडीएस की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया जारी है। इस बीच सरकार ने थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे को चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (COSC) का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
यह पोस्ट जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक निधन के बाद खाली हो गई थी। जनरल नरवणे ने अध्यक्ष, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का पद संभाल लिया है। इसमें नौसेना और वायु सेना के प्रमुख भी शामिल हैं। जनरल नरवणे तीनों सेनाओं के प्रमुख में सबसे वरिष्ठ हैं। दिसंबर 2019 में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के निर्माण के साथ, सीडीएस के रूप में जनरल रावत पहले स्थायी सीओएससी बन गए थे। सीडीएस सीओएससी का चौथा और स्थायी सदस्य है।
सबसे वरिष्ठ अधिकारी को मिलता है पद
तीनों सेनाओं के सबसे वरिष्ठ अधिकारी को सीओएससी अध्यक्ष का पद मिलता रहा है। सीओएससी तीनों सेनाओं के बीच अभियानों और अन्य मुद्दों को लेकर सामंजस्य बनाने का काम करती है। चूंकि सीडीएस के पद के लिए अभी किसी नाम की घोषणा नहीं की गई है, इसलिए अभी एमएम नरवणे को COSC बनाना कामचलाऊ व्यवस्था कही जा रही है। सीडीएस COSC के सचिव के साथ ही सैन्य मामलों के विभाग के प्रमुख भी होते हैं। सीडीएस की अनुपस्थिति में एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख, एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण जनरल नरवणे को रिपोर्ट करेंगे।
CDS बनने का दावा हुआ मजबूत
सूत्रों के अनुसार जनरल एमएम नरवणे के COAS बनाए जाने से उनके CDS बनने का दावा मजबूत हुआ है। जनरल नरवणे को तीनों सेनाओं के प्रमुखों में सबसे सीनियर होने के कारण COSC चेयरमैन बनाया गया है। वायु सेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 30 सितंबर, जबकि नेवी चीफ एडमिरल आर हरी कुमार ने 30 नवंबर को पद संभाला था। जनरल नरवणे ने 31 दिसंबर 2019 को सेना प्रमुख का पद संभाला था।
ये भी पढ़ें