सार

तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) का निधन हो गया। बेंगलुरू के कमांड हॉस्पिटल में वे 10 दिसंबर से भर्ती थे। वे इस हादसे में एक मात्र जीवित बचे सदस्य थे। 

बेंगलुरू। 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में एमआई-17वी5 (MI-17V5) हेलिकॉप्टर दुर्घटना (Chopper crash) में एक मात्र जीवित बचे भारतीय वायुसेना (IAF) के ग्रुप कैप्टन (Group Captain) वरुण सिंह (Varun Singh) बुधवार को नहीं  रहे। 8 दिनों तक जिंदगी से चली जंग के बाद बेंगलुरू के कमांड हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इंडियन एयरफोर्स (Indian Airforce) ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह दुखद जानकारी दी। एयरफोर्स ने लिखा- भारतीय वायुसेना को बहादुर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन की सूचना देते हुए बेहद दुख है। भारतीय वायुसेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है। भारतीय वायुसेना शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है। 

10 दिसंबर से बेंगलुरू में चल रहा था इलाज 
हेलिकॉप्टर हादसे में गंभीर रूप से घायल ग्रुप कैप्टन का पहले दो दिन वेलिंगटन मिलिट्री हॉस्पिटल में इलाज चला। 10 दिसंबर को वेलिंगटन के मिलिट्री हॉस्पिटल से बेंगलुरू शिफ्ट किया गया था। 24 घंटे में तीन ऑपरेशन के बाद भी उनकी हालत गंभीर बनी थी। मंगलवार को ही एयरफोर्स ने ग्रुप कैप्टन की हालत की जानकारी दी थी। वायुसेना ने बताया था कि उनकी हालत गंभीर बनी है, लेकिन स्थिर है, लेकिन बुधवार को उनके निधन की खबर आई। ग्रुप कैप्टन के निधन की सूचना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा - राष्ट्र के लिए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की समृद्ध सेवा को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उनके परिवार तथा मित्रों के लिए संवेदनाएं। 


पिता ने कहा था - योद्धा है बेटा, विजयी होकर आएगा
हादसे के बाद इंडियन एयरफोर्स के जीसी वरुण सिंह के पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) केपी सिंह (Colonel K P Singh) ने कहा था कि मेरा बेटा एक योद्धा है। वह विजयी होकर आएगा। वह हादसे के दूसरे दिन ही वेलिंगटन पहुंच गए थे। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के इलाज के लिए विशेषज्ञों की पूरी टीम लगी थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई तक उनके स्वास्थ्य का डेली अपडेट ले रहे थे। वरुण के निधन की खबर से एक बार फिर देश शोक में डूब गया है। 

13 लोगाें की उसी दिन हुई थी मौत
8 दिसंबर को हुए हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत सहित अन्य सभी 13 लोगों की मौत हो गई थी। दुर्घटनास्थल से बचाए जाने के बाद, वरुण सिंह को शुरू में नीलगिरी के वेलिंगटन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां दुर्घटना हुई थी। बाद में, उन्हें बेंगलुरु में वायु सेना के कमांड अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। वे तब से जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। देश भर में उनके सकुशल होने के लिए प्रार्थना की जा रही थी। 

स्टाफ कॉलेज में ट्रेनर के रूप में थे पोस्टेड 
ग्रुप कैप्टन सिंह जनरल रावत के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के दौरे के लिए संपर्क अधिकारी के रूप में हेलिकॉप्टर में सवार थे। वह संस्थान में प्रशिक्षक के पद पर तैनात थे। घटना के दिन उन्होंने सुलूर एयरबेस पर जनरल रावत की अगवानी की, जहां से उनके दल ने वेलिंगटन की ओर उड़ान भरी। हेलिकॉप्टर अपने गंतव्य पर पहुंचने के करीब सात मिनट पहले सुलूर एयरबेस के नियंत्रण कक्ष का हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया। वरुण सिंह को इस साल राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया।

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