वीडियो वायरल: 'अफसरों की पत्नियां हमारी बीवियों से करवाती हैं डांस, लगातीं हैं ठहाके'

सेना के जवान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो सेना के अफसरों पर आरोप लगाते नजर आ रहा। वीडियो फेसबुक पर जारी किया गया। जिसमें जवान का आरोप है, सेना के अफसर जवानों की पत्नियों को बुलाकर उनसे घर का काम कराते हैं। वीडियो में जवान का कहना- सेना के अफसरों की पत्नियां जवानों और उनकी पत्नी का शोषण करती हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 22, 2019 6:10 AM IST / Updated: Jul 22 2019, 12:33 PM IST

नई दिल्ली. सेना के जवान का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वो सेना के अफसरों पर आरोप लगाता नजर आ रहा है। जवान का आरोप है, अफसर की पत्नियां जवानों की बीवियों को बुलाकर घर का काम करवाती हैं।  इनकी पत्नियां जवानों और उनकी बीवियों का लगातार शोषण करती हैं।  इतना ही नहीं, अधिकारियों की पत्नियों को सेल्युट भी मारना पड़ता है। यदि कोई उनकी बात नहीं मानता है तो उन्हें ट्रांसफर की धमकी भी दी जाती है।

ट्रांसफर भी करवाते हैं, और पोस्टिंग वाले स्थान पर धमकी भी देते हैं

जवान ने आगे कहा- अफसर की कोई बात न मानने पर जवान का ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके बाद भी अफसर दादागिरी दिखाते हुए पोस्टिंग वाली जगह पर फोन करके कहता है- जवान को देख लेना। कथित जवान का आरोप है कि फैमिली वेलफेयर के नाम पर जवानों का लगातार शोषण किया जा रहा है। जबकि फैमिली वेलफेयर इसलिए बनाया जाता है,  ताकि अधिकारियों की पत्नियों को कमांड करने का मौका मिल सके। फैमिली वेलफेयर में  अफसरों की पत्नियां जवानों की बीवियों से डांस भी करवाती हैं, और ठहाके भी लगाती हैं। 


खाने से लेकर कपड़ो तक में धांधली
जवान के सनसनीखेज वीडियो ने एक बार फिर हड़कंप मचा दिया है। वीडियो में जवान कई मुद्दों पर अपना पक्ष रख रहा है। उसका कहना है कि सेना के अधिकारी कपड़ों और खाने तक में घोटाला कर रहे हैं। जवानों को कपड़े खरीद कर पहनने पड़ते हैं। उन्हें जो क्लोदिंग मिलती है उसके बदले उन्हें पैसे मिलने चाहिए, साथ ही राशन का पैसा भी मिलना चाहिए।

इससे पहले भी आया था एक और मामला

इससे पहले भी सेना के एक और जवान तेज बहादुर यादव का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें उसने सेना को खराब भोजन देने की शिकायत की थी। जिसके बाद बीएसएफ के जवान को बर्खास्त कर दिया गया था। तेज बहादुर को 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने टिकट देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था। लेकिन चुनाव आयोग ने दस्तावेज की कमी बता कर उसका नामांकन रद्द कर दिया था।

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