लंबी बहसों और हंगामे की भेंट चढ़ा कर्नाटक विधानसभा का तीसरा दिन, सदन की कार्यवाही मंगलवार तक स्थगित

कर्नाटक का नाटक तीसरे दिन भी लंबी बहसों और हंगामे की भेंट चढ़ गया है। सोमवार को भी कुमारस्वामी की सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ। आधी रात तक चली सदन की कार्यवाही को मंगलवार के लिए स्थगित कर दिया है। स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार की सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। वहीं अब नजर मंगलवार को है। देखना यह होगा कि वोटिंग होती है या नहीं। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 21, 2019 3:34 PM IST / Updated: Jul 23 2019, 11:36 AM IST

बेंगलुरु.  कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक संकट के खत्म होने के संकेत नहीं मिल रहे हैं। कर्नाटक का नाटक तीसरे दिन भी लंबी बहसों और हंगामे की भेंट चढ़ गया है। सोमवार को भी कुमारस्वामी की सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ। आधी रात तक चली सदन की कार्यवाही को स्पीकर ने  मंगलवार की सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।अब देखना यह होगा कि वोटिंग होती है या नहीं। इससे पहले  सीएमओं की तरफ से जारी बयान में साफ कर दिया गया था, कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का राज्यपाल से मुलाकात करने का कोई भी इरादा नहीं है। कयास लगाए जा रहे थे, कि कुमारस्वामी राज्यपाल से मुलाकात कर इस्तीफा सौंप सकते हैं।

स्पीकर ने दिए थे फ्लोर टेस्ट कराने के संकेत

हालांकि स्पीकर ने बहुमत परीक्षण करने के संकेत दे दिए थे। उन्होंने कहा था, कि विश्वास मत का फैसला आज ही लिया जाएगा। साथ ही कहा था- हर सदस्य सिर्फ 10 मिनट बोलेगा। मुझे बार- बार यह बात दोहरानी न पड़े। इससे पहले कार्यवाही शुरू होने से पहले स्पीकर ने 15 बागी विधायकों को आयोग्यता के मुद्दे पर नोटिस जारी किया । स्पीकर ने विधायकों को 23 जुलाई को 11 बजे तक अपने ऑफिस में बुलाया । इससे पहले सोमवार को कर्नाटक विधानसभा में तीसरे दिन कार्यवाही शुरू हुई । वहीं बसपा से एकलौते विधायक एन. महेश आज भी विधानसभा नहीं पहुंचे। रविवार को बसपा प्रमुख मायावती ने अपने विधायक को कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में वोटिंग करने के निर्देश दिये थे।  वैसे ही कुमारस्वामी सरकार के सामने बहुमत जुटाने की चुनौती है। अब अगर बसपा विधायक नहीं आए तो मुश्किल और बढ़ जाएगी। 

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार

सर्वोच्च न्यायालय ने दो निर्दलीय विधायको ंकी तरफ से फ्लोर टेस्ट को लेकर लगाई याचिका पर जल्द सुनवाई करने से मना कर दिया है। इससे पहले रविवार को  कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले 2 विधायक केआर शंकर और एच नागेश सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने याचिका दायर करते हुए कहा - बहुमत खो चुकी सरकार सदन में वोटिंग को टालने में लगी है। कोर्ट तुरंत फ्लोर टेस्ट के आदेश दे। वहीं अब निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी टिक गई है।

वहीं मायावती ने अपने एकलौते बसपा  विधायक एन महेश को कुमारस्वामी के पक्ष में समर्थन करने को कहा है। इससे पहले एन महेश ने कहा था कि वे फ्लोर टेस्ट के दौरान तटस्थ रहेंगे।   विधानसभा में दो दिन चली कुमारस्वामी सरकार ने राज्यपाल की तरफ से दी गई समय सीमाओं का पालन नहीं किया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट से कुमारस्वामी सरकार को कोई राहत नहीं मिलने के बाद अब जेडीएस और कांग्रेस को अभी भी बागी विधायकों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने भरोसा जताया है, कि सोमवार को कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन होगा।

विधानसभा में ये है आंकड़ो की स्थिती है
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास महज 98 विधायक हैं। बीजेपी के पास 106 विधायक हैं । ऐसे में बीजेपी बहुमत में नजर आ रही है। वहीं 16 विधायकों- कांग्रेस के 13 और जेडीएस के तीन विधायकों ने इस्तीफा दिया है।दो निर्दलीय विधयकों ने भी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। सभी बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं। 

इससे पहले सदन में क्या हुआ
एचडी कुमारस्वामी सरकार को  राज्यपाल वजुभाई ने कार्यवाही के दूसरे दिन विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश दिए थे। राज्यपाल ने सीएम को लिखे लेटर में साफ कहा था- आपकी सरकार बहुमत खो चुकी है। आप बेवजह फ्लोर टेस्ट टालने के लिए लंबी बहस को अंजाम दे रहे। राज्यपाल ने 6 बजे तक बहुमत साबित करने को कहा था। लेकिन कार्यवाही सोमवार के लिए स्थगित कर दी गई थी।  

 

गुरुवार को रातभर विधानसभा में रुके थे बीजेपी विधायक

गुरुवार को 06: 30 बजे स्पीकर रमेश कुमार ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही स्थगित की थी। जिसके विरोध में बीजेपी विधायकों ने रात भर विधानसभा में ही धरना दिया था। उनका सोने से लेकर डिनर भी सदन में हुआ था।


17 जुलाई को सदन में मुख्यमंत्री ने रखा विश्वास मत प्रस्ताव

कल क्या हुआ था सदन मेंकर्नाटक विधानसभा का फ्लोर टेस्ट को लेकर कार्यवाही शुरू हुई थी। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी नेता पहुंचे थे। बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी ने सरकार के पक्ष में वोट डालने की बात कही थी। इसके बाद फ्लोर टेस्ट पर बहस शुरू हुई थी। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अपनी बात रखते हुए सदन में विश्वास मत प्रस्ताव रखा था।। जहां सीएम एचडी कुमारस्वामी ने बीजेपी पर सरकार के ऊपर जबरन दबाव बनाने का आरोप लगाया था। कार्यवाही के दौरान 19 विधायक विधानसभा में नहीं पहुंचे थे। कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने कहा- सुप्रीम कोर्ट सर्वोपरि , आपके द्वारा जारी व्हिप लागू रहेगा।

येदियुरप्पा के भाषण के दौरान कांग्रेस विधायकों ने हंगामा कर दिया था। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने 'येदियुरप्पा पर देश को देश को गुमराह करने का आरोप लगाया था। 3 बजे सदन को स्पीकर ने स्थगित कर दिया गया था।'' सदन की  कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए जेडीएस नेता एचडी रेवन्ना नंगे पैर सदन पहुंचे थे।'' कार्यवाही एक बार फिर शुरू हुई। सदन में कांग्रेस के दिनेश गुंडू राव ने बीजेपी पर आरोप लगाया था।  


JDS ने अपने 37 विधायकों को जारी किया था व्हिप

मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने जेडीएस के सभी 37 विधायकों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था।  जेडीएस ने कहा था-''अगर विधायक गैर-मौजूद रहते हैं या विश्वास मत के खिलाफ वोटिंग करते हैं तो दल बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की जाएगी।'' इससे पहले उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह इस्तीफा सौंप चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी इस्तीफा दे दिया। 10 जून को के सुधाकर, एमटीबी नागराज ने इस्तीफा दे दिया था।

Share this article
click me!