सार
Manipur violence: मणिपुर में हिंसा और खतरनाक दौर में पहुंच चुकी है। पिछले दिनों हुई तीन नृशंस घटनाओं की जांच भी अब एनआईए को सौंप दिया गया है। यह मामले नागरिकों की बेरहमी से हत्या, पुलिस और सीआरपीएफ चौकी पर आतताइयों के हमले व आगजनी से संबंधित है। उधर, कुकी विद्रोहियों द्वारा मैतेई समाज के छह लोगों को अगवा कर हत्या किए जाने के बाद राज्य में हिंसा और भड़क गई है। गुस्साई भीड़ ने शनिवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास व कई मंत्रियों-विधायकों के घरों पर हमला बोल दिया था। राज्य के सिविल सोसाइटी ग्रुप्स ने भी कार्रवाई के लिए सरकार को अल्टीमेटम दिया है।
किन मामलों को सौंपा गया एनआईए को?
- जिरीबाम में सशस्त्र उग्रवादियों ने एक महिला की हत्या कर दी थी। पुलिस ने 8 नवम्बर को इस संबंध में एफआईआर दर्ज किया था। अब एनआईए ने उस मामले को टेकओवर कर लिया है।
- जिरीबाम के जाकुरधोर करोंग और बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन्स के सीआरपीएफ कैंप्स पर हथियारबंद उग्रवादियों ने हमला कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में कम से कम 10 उग्रवादी मारे भी गए थे।
- बोरोबेरा में उग्रवादियों ने लोगों के घरों में आगजनी की थी। बच्चों और महिलाओं को अगवा कर उनकी हत्याएं कर दी थीं। इस मामले को भी एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया है। तीनों मामलों की जांच के लिए एनआईए ने 13 नवम्बर को पुलिस एफआईआर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर लिया था।
दरअसल, मणिपुर में कुकी और मैतेई के बीच एक साल से जारी जातीय हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले दिनों संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने राज्य के जिरीबाम जिले में छह लोगों जिसमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे उनका अपहरण कर बेरहमी से कत्ल कर दिया। यह वारदात कुकी विद्रोहियों के कथित तौर पर जिरीबाम में सीआरपीएफ चौकियों पर हमला ओर जवाबी कार्रवाई में दस कुकी उग्रवादियों के मारे जाने के बाद हुई। कुकी विद्रोहियों ने आसपास के क्षेत्रों में भी काफी आगजनी की थी। उसी दौरान छह लोगों को अपहृत कर लिया था।
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