सार

मणिपुर में हिंसा की आग भड़की, प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमला किया। जिरीबाम में बंधकों की हत्या के विरोध में प्रदर्शन हुए, इंफाल में कर्फ्यू लगा।

Manipur violence: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने इंफाल में राज्य के कम से कम दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों के सामने प्रदर्शन करने के बाद हमला कर दिया। प्रदर्शनकारी जिरीबाम में बंधक बनाए गए छह लोगों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। गुस्साई भीड़ के हमले को देखते हुए इंफाल पश्चिम प्रशासन ने अनिश्चितकाल के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है।

इंटरनेट और मोबाइल डेटा सर्विस बैन

राज्य प्रशासन ने इंफाल पश्चिम, पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में दो दिनों के लिए इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को सस्पेंड कर दिया है।

इन लोगों के आवासों के सामने प्रदर्शन और हमला

अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनकारी भीड़ ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सपम रंजन के लाम्फेल सनाकेथेल इलाके में स्थित आवास पर धावा बोल दिया। इसके अलावा इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद इलाके में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विधायक आरके इमो के आवास के सामने इकट्ठा होकर नारे लगाए। इमो मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद भी हैं। इसके अलावा केशामथोंग विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह से प्रदर्शनकारी मिलने पहुंचे, उनके नहीं मिलने पर उनके स्वामित्व वाले एक स्थानीय समाचार पत्र के कार्यालय भवन को निशाना बनाया।

कुकी विद्रोहियों पर मैतेई लोगों की हत्या का आरोप

कुकी विद्रोहियों ने बीते दिनों जिरीबाम जिले में हमला किया था। सुरक्षाबलों ने कम से कम 10 विद्रोहियों को मौत के घाट उतार दिया था। संदिग्ध कुकी विद्रोहियों ने मैतेई समुदाय की तीन महिलाओं और तीन बच्चों को बंधक बना लिया था। पांच दिन बाद पुलिस ने सभी छह बरामद किए हैं।

एक साल से अधिक समय से मणिपुर में हिंसा

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में एक साल से भी अधिक समय से जातीय हिंसा जारी है। यहां मैतेई बहुसंख्यक और ईसाई कुकी समुदाय के बीच हिंसा जारी है। जातीय आधार पर हो रही राज्य में हिंसा से कई दर्जन लोगों की जान जा चुकी है। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं।

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