सार

महाराष्ट्र चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन के मामले में राहुल गांधी और अमित शाह को चुनाव आयोग का नोटिस। दोनों नेताओं के भाषणों पर स्पष्टीकरण मांगा गया, सोमवार तक जवाब देना होगा।

ECI on Model Election Code of Conduct: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में चुनाव आयोग ने कांग्रेस और बीजेपी को शो कॉज नोटिस जारी किया है। दोनों पार्टियों से उनके स्टार प्रचारकों अमित शाह और राहुल गांधी की स्पीच को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। दोनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों जेपी नड्डा व मल्लिकार्जुन खड़गे को महाराष्ट्र व झारखंड में वोटिंग खत्म होने के दो दिन पहले जवाब देना है। सोमवार को चुनाव आयोग में दोपहर एक बजे तक दोनों दलों को अपना जवाब जमा करना होगा।

बीजेपी ने राहुल गांधी की शिकायत की थी

बीजेपी ने 11 नवम्बर को चुनाव आयोग में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। भाजपा ने राहुल गांधी पर महाराष्ट्र चुनाव में झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने कहा कि बीते सप्ताह महाराष्ट्र में राहुल गांधी ने चुनावी रैलियों को संबोधित किया था। राहुल गांधी ने अपनी स्पीच में झूठ बोलकर महाराष्ट्र के अवसर छीनकर दूसरे राज्यों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया। यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अगुवाई में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार दोपहर को चुनाव आयोग को लिखित शिकायत में कहा कि राहुल गांधी ने अन्य राज्यों पर महाराष्ट्र राज्य से कथित अवसरों को चुराने और छीनने का झूठा आरोप लगाया है। गांधी ने पूरी तरह से असत्यापित दावे किए कि एप्पल के आईफोन और बोइंग के हवाई जहाज महाराष्ट्र की कीमत पर अन्य राज्यों में बनाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी झूठा आरोप लगाया कि बीजेपी संविधान को कुचलना चाहती है। बीजेपी ने दावा किया कि वास्तव में महाराष्ट्र राज्य अप्रैल से जून 2024-25 तक कुल 70,795 करोड़ रुपये प्राप्त करके पूरे भारत में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) में शीर्ष पर है।

कांग्रेस ने अमित शाह के खिलाफ दर्ज करायी शिकायत

कांग्रेस ने 13 नवम्बर को गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। शाह पर आरोप है कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों के बारे में झूठे, विभाजनकारी, दुर्भावनापूर्ण और बदनामी भरे बयान दिए। कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत किया कि अमित शाह ने गलत बयानबाजी कर कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल, अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के खिलाफ हैं; देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।

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