पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली के परिवार ने मौते के बाद मिलने वाली पेंशन लेने से इनकार कर दिया। जेटली ने पत्नी संगीता जेटली ने इससे मिलने वाली राशि को उन कर्मचारियों को दान करने का फैसला किया, जिनकी सैलरी कम है।
नई दिल्ली. पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली के परिवार ने मौते के बाद मिलने वाली पेंशन लेने से इनकार कर दिया। जेटली ने पत्नी संगीता जेटली ने इससे मिलने वाली राशि को उन कर्मचारियों को दान करने का फैसला किया, जिनकी सैलरी कम है। इसके लिए संगीता जेटली ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है।
जेटली के निधन के बाद परिवार को करीब 3 लाख रुपए सलाना पेंशन मिलनी थी। लेकिन जेटली के परिवार के इस फैसले के बाद राज्यसभा में काम करने कर्मचारियों को दी जाएगी।
24 अगस्त को हुआ था निधन
जेटली का निधन 24 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में हो गया था। उन्हें 9 अगस्त को यहां भर्ती कराया गया था। वे लंबे वक्त से बीमार थे। इसी के चलते दूसरी बार सरकार बनने के बाद उन्होंने मोदी के मंत्रिमंडल में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। जेटली के परिवार में पत्नी संगीता बेटी सोनाली और बेटा रोहन हैं। रोहन और सोनाली दोनों पिता की तरह ही पेशे से वकील हैं।
कितनी मिलती है पेंशन?
2010 में हुए पेंशन संसोधन के मुताबिक, संसदों को रिटायर होने के बाद 20 हजार रुपए प्रति माह पेंशन मिलती है। ये पेंशन हर सदस्य को मिलती है, चाहें उसका कार्यकाल पूरा हो पाया हो या नहीं। किसी भी सांसद के निधन के बाद पत्नी को पेंशन का आधा हिस्सा मिलता है।