1980 में राजनीतिक सफर शुरू करने वाले जेटली ने 39 साल में सिर्फ एक बार चुनाव लड़ा, इसमें भी हार मिली

Published : Aug 24, 2019, 12:53 PM ISTUpdated : Aug 24, 2019, 06:09 PM IST
1980 में राजनीतिक सफर शुरू करने वाले जेटली ने 39 साल में सिर्फ एक बार चुनाव लड़ा, इसमें भी हार मिली

सार

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। वे 66 साल के थे। 9 अगस्त को एम्स में चेकअप कराने पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया। उन्हें कमजोरी और घबराहट की शिकायत के बाद भर्ती करवाया गया था। जेटली का सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का इलाज चल रहा था। 

नई दिल्ली. पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। वे 66 साल के थे। 9 अगस्त को एम्स में चेकअप कराने पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया। उन्हें कमजोरी और घबराहट की शिकायत के बाद भर्ती करवाया गया था। जेटली का सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का इलाज चल रहा था। भाजपा में जेटली का कद कितना ऊंचा था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2014 में अमृतसर से हार के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पहली कैबिनेट में वित्त और रक्षा जैसे दो अहम मंत्रालय सौंपे।

28 अक्टूबर 1952 जन्में जेटली ने 1974 में दिल्ली यूनिवर्सिटी का चुनाव जीता। इसके बाद वे 1980 में भाजपा में शामिल हुए। चार दशक लंबी राजनीतिक पारी में उन्होंने भाजपा महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता जैसे पद संभाले। 1998 की अटल सरकार और 2014 की मोदी सरकार में भी उन्हें कई अहम मंत्रालय मिले। 

39 साल की राजनीतिक पारी में सिर्फ एक बार लोकसभा चुनाव लड़ा
अरुण जेटली ने 1980 में भाजपा की सदस्यता ली थी। 39 साल के लंबे करियर में उन्होंने सिर्फ एक बार लोकसभा चुनाव 2014 में लड़ा। इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अमृतसर सीट से उन्हें हराया।

चार बार राज्यसभा सांसद चुने गए जेटली

कबकहां से
2000-2006गुजरात
2006-2012गुजरात
2012-2018गुजरात
2018 से अब तक उत्तरप्रदेश


राजनीतिक सफर
- 1974 में दिल्ली यूनिवर्सिटी का चुनाव जीता। 1980 में भाजपा में शामिल हुए। 
- जेटली 1991 में  भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने।
- 1999 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें भाजपा का प्रवक्ता बनाया गया।
- 1999 में एनडीए की सरकार में उन्हें सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया।
- राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद 23 जुलाई 2000 को कानून मंत्री बने।
- नवम्बर 2000 में उन्हें कानून मंत्रालय के अलावा जहाजरानी मंत्री भी बनाया गया। 
- 2002 में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने। 
- मई 2004 में एनडीए की हार के बाद उन्हें भाजपा महासचिव बनाया गया।
- 2006 में वे गुजरात से फिर राज्यसभा पहुंचे।
- 3 जून 2009 को राज्यसभा में विपक्ष के नेता चुने गए।
- 2014 के लोकसभा चुनाव में वे अमृतसर सीट से चुनाव लड़े, लेकिन अमरिंदर सिंह से हार गए। गुजरात से राज्यसभा सदस्य थे। 
- उन्हें मार्च 2018 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए फिर से चुना गया।
 

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