Arvind Kejriwal decisions on Public opinion:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पद छोड़ने का ऐलान करते हुए जनता के दरबार में जाने का निर्णय लिया है। केजरीवाल ने कहा कि जनता के आदेश के बाद ही वह कुर्सी पर बैठेंगे। दरअसल, AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जनांदोलन के जरिए राजनीति में एंट्री की थी। राजनीति में एंट्री से लेकर महत्वपूर्ण फैसलों पर अरविंद केजरीवाल ने जनता की राय जानने के बाद निर्णय लिए हैं। सरकार बनाने का पहला निर्णय भी केजरीवाल ने जनता की राय जानने के बाद लिया था। आईए जानते हैं वह फैसले जो केजरीवाल ने जनता की राय पर लिए...
लोकपाल बिल (2014) के लिए गठबंधन सरकार
राजनीति में आने के बाद दिल्ली में पहली बार आम आदमी पार्टी ने 28 सीटें जीती थीं। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए अरविंद केजरीवाल के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं था। कांग्रेस के समर्थन से आप सरकार बना सकती थी। अरविंद केजरीवाल ने तय किया कि वह जनता की राय जानेंगे। उन्होंने दिल्ली में जनलोकपाल बिल लाने के लिए सरकार बनाने की पहल की। जनता से पूछा कि क्या कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनानी चाहिए? जनता ने हां में जवाब दिया। इसके बाद सरकार बनी। हालांकि, जनलोकपाल बिल पास नहीं हो सका और केजरीवाल ने 49 दिनों में ही इस्तीफा दे दिया।
वाटर टैरिफ़ (2014-2015)
दिल्ली में वाटर टैरिफ को लेकर हमेशा से सरकार और आमजन के बीच ठनी है। सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्लीवासियों से वाटर टैरिफ पर सलाह ली। केजरीवाल सरकार ने दिल्लीवासियों से रायशुमारी के बाद पानी के टैरिफ में बदलाव किया। सरकार ने दिल्ली की जनता से पूछा कि किस तरह की पानी की दरें हों और इसका फायदा किस वर्ग को मिलना चाहिए। इसके बाद पानी के दरों में बदलाव किया गया।
महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा (2019)
केजरीवाल सरकार ने महिलाओं के लिए दिल्ली की बसों में फ्री यात्रा की योजना लागू की है। इस योजना को लागू करने के लिए सरकार ने सोशल मीडिया और कई जनसभाओं के माध्यम से जनता की राय ली, जनसंवाद किया। दिल्लीवासियों से मिले इनपुट के आधार पर सरकार ने महिलाओं के लिए फ्री बस सर्विस शुरू की।
बिजली सब्सिडी का भी ऐलान करने से पहले जनता के बीच
दिल्ली में बिजली सब्सिडी, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार दे रही है। इस सब्सिडी को लागू करने के पहले भी आप सरकार ने जनशुमारी की थी। जनता की राय जानने के बाद सस्ती बिजली का टैरिफ तय किया गया। यही नहीं बिजली बिल माफी योजना लागू किया गया।
शराब नीति (2021)
देश में दिल्ली आबकारी नीति केस सबसे चर्चित है। इस पर अरविंद केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। लेकिन नई नीति बनाने के पहले केजरीवाल सरकार ने जनता से रायशुमारी की थी। केजरीवाल सरकार ने सोशल मीडिया और जनसभाओं के माध्यम से जनता की राय ली और फिर नई शराब नीति को बनाया गया। हालांकि, कुछ ही दिनों बाद इसे रद्द कर पुरानी नीति को लागू कर दिया गया है।
जन भागीदारी वाला बजट
दिल्ली सरकार ने अपना पिछला बजट जनता की राय लेकर तैयार किया था। सरकार ने विभिन्न प्लेटफार्म्स से यह सुझाव मांग कि उन्हें किन क्षेत्रों में बजट का निवेश चाहिए। सरकार किस तरह से जनता की प्राथमिकताओं के अनुसार योजना बना सकती है।
सोशल मीडिया के अलावा कैसे जनता से जुड़ती है सरकार
दरअसल, केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी डिजिटल प्लेटफार्म्स का सबसे पहले पीपुल्स कनेक्ट के लिए इस्तेमाल करती है। इसके अलावा दिल्ली में सरकार बनने के बाद सरकार ने जनता दरबार और मोहल्ला सभाओं की शुरुआत की। यहां पर लोग सीधे सरकार को अपने सुझाव दे सकते थे। इन मीटिंग्स के माध्यम से सरकार जनता की राय को जानने का प्रयास करती है और जनता से मिले इनपुट को अपने फैस;लों में शामिल करती है।
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