सार
Arvind Kejriwal resignation announcement: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस मामले में जमानत मिलने के बाद एक बार फिर अरविंद केजरवाल ने शॉकिंग अनाउंसमेंट कर सबको चौका दिया है। केजरीवाल ने दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने लेफ्टिनेंट मनीष सिसोदिया को भी मुख्यमंत्री नहीं बनाने की बात कहकर विरोधी खेमे में हलचल पैदा कर दी है। हालांकि, केजरीवाल के इस फैसले को कोई मास्टरस्ट्रोक बता रहा तो कई जानकार इसे ब्लंडर कहने से नहीं चूक रहे।
केजरीवाल ने क्या किया ऐलान? क्यों कहा जनता के आदेश पर ही अब कुर्सी पर बैठूंगा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें कानून की अदालत में न्याय मिला लेकिन अब उन्हें जनता की अदालत में न्याय चाहिए। कहा: दो दिन बाद मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं उस कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। दिल्ली में चुनाव अभी महीनों दूर हैं। मुझे कानूनी अदालत से न्याय मिला, अब मुझे जनता की अदालत से न्याय मिलेगा। मैं जनता के आदेश के बाद ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा। मैं दिल्ली की जनता से पूछना चाहता हूं कि केजरीवाल निर्दोष हैं या दोषी? अगर मैंने काम किया है तो मुझे वोट दें।
क्या दिल्ली में होगा समय से पहले चुनाव?
अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद को छोड़ने के ऐलान के साथ ही फरवरी महीना में होने वाले विधानसभा चुनाव को नवम्बर महीना में कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के साथ ही दिल्ली का चुनाव नवम्बर महीना में कराया जाए। अरविंद केजरीवाल के इस ऐलान के साथ ही यह माना जा रहा है कि वह समय से पहले चुनाव कराने के लिए भी पहल कर सकते हैं। संभव है चुनाव आयोग भी एक साथ चुनाव कराने पर राजी हो जाए।
केजरीवाल के इस्तीफा के बाद आगे क्या होगा?
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव होने तक पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री होगा। अगले 2-3 दिनों में विधायकों की बैठक होगी जिसमें अगले मुख्यमंत्री का फैसला किया जाएगा। बता दें कि केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि विधायक दल अपना नया चुनेगा।
मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद क्या करेंगे केजरीवाल?
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लोगों के बीच जाएंगे और उनका समर्थन मांगेंगे। मैं हर घर और गली में जाऊंगा और जनता से फैसला मिलने तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। आप सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी ने राजधानी में चुनाव से पहले लोगों से जुड़ने के लिए एक बड़े पैमाने पर संपर्क अभियान की योजना बनाई है। इस अभियान को अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया लीड करेंगे।
मास्टरस्ट्रोक या ब्लंडर?
अरविंद केजरीवाल के इस राजनैतिक पैतरे को राजनीति के जानकार अलग-अलग नजरिया रखते हैं। कई राजनीतिक पंडितों का मानना है कि केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के ऐलान से जनता की सहानुभूति उनको मिलेगी। यह इसलिए क्योंकि उन्होंने नैतिकता का रुख अपनाया है। उन पर आरोप लगे हैं तो जेल से बाहर आने के बाद पद छोड़ दिया है। कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है लेकिन वह फिर से कुर्सी पर बैठे या नहीं, इस पर जनता की राय चाहते हैं। लोगों का मानना है कि उन्हें सत्ता की कोई लालसा नहीं है और वे शीर्ष पद पर लौटने से पहले जनता का फैसला चाहते हैं।
जबकि कई राजनैतिक विशेषज्ञ इसे ब्लंडर के रूप में देख रहे हैं। इन लोगों का मानना है कि बिहार और झारखंड की तरह आम आदमी पार्टी में विद्रोह देखा जा सकता है।
क्यों माना जा रहा है अरविंद केजरीवाल का ब्लंडर?
दरअसल, बिहार में नीतीश कुमार ने पद छोड़ते हुए कुछ दिनों के लिए जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन नीतीश के फिर से सीएम बनने के बाद जीतनराम मांझी ने बगावत कर दी थी। उन्होंने नई पार्टी बना ली है। इसी तरह झारखंड में भी बीते दिनों जेल जाने से पहले हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को सीएम बना दिया था। लेकिन जेल से वापसी के बाद चंपई सोरेन का इस्तीफा लेकर फिर हेमंत सोरेन सीएम बन गए। हालांकि, कुछ ही महीनों बाद चंपई सोरेन ने बगावत कर दी। अब वह बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।
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