2024 Mood of the Nation Survey: PM फेस के लिए टॉप पर मोदी, 79% लोगों की राय- फिर बने NDA सरकार

एशियानेट न्यूज मेगा मूड ऑफ द नेशन सर्वे में शामिल 79% लोगों ने कहा है कि वे INDI अलायंस की जगह NDA सरकार चाहते हैं। नरेंद्र मोदी को पीएम पद के लिए सबसे अधिक पसंद किया गया। 80% लोगों को लगता है कि मोदी सरकार ने ग्लोबल ऑर्डर में भारत की स्थिति सुधारा।

Vivek Kumar | Published : Mar 27, 2024 12:30 PM IST / Updated: Mar 27 2024, 06:09 PM IST

नई दिल्ली। भारत में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। यह भाजपा के साथ ही विपक्ष के लिए भी अग्निपरीक्षा है। चुनाव में एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA (National Democratic Alliance) और दूसरी तरफ इंडी अलायंस व अन्य विपक्षी पार्टियां हैं। एशियानेट न्यूज नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन कराए गए मेगा मूड ऑफ द नेशन सर्वे से पता चला है कि विपक्ष के लिए चुनावी लड़ाई काफी कठिन है।

13-17 मार्च तक एशियानेट न्यूज नेटवर्क के डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा अंग्रेजी, हिंदी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, बांग्ला और मराठी में सर्वे किया गया। इस दौरान 7,59,340 रिस्पॉन्स मिले। हमारे संपादकों ने वर्तमान 'भारत' की वास्तविकताओं और देश के हर कोने में चर्चित मुद्दों पर सवाल को तैयार किए। सर्वे अपने विषय, 'हर वोट मायने रखता है, हर राय मायने रखता है' पर खरा उतरा है। आइए एशियानेट न्यूज नेटवर्क के मूड ऑफ द नेशन सर्वे के नतीजों को जानें।

CAA लागू होने से भाजपा को मिल सकता है लाभ

आम चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने CAA (Citizenship Amendment Act) लागू किया। सर्वे में शामिल 51.1% लोगों का मानना है कि इससे भाजपा को चुनाव में लाभ मिल सकता है। वहीं, 26.85% लोगों को लगता है कि इससे भाजपा को नुकसान हो सकता है। वहीं, 22.03% लोगों को लगता है कि इससे भाजपा के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दिलचस्प बात यह है कि सर्वे में शामिल तमिलनाडु के 48.4% लोगों का मानना है कि CAA लागू करने से भाजपा के चुनावी भाग्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

बुनियादी ढांचा विकास मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धी

सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है तो 38.11% ने बुनियादी ढांचे का विकास बताया। 26.41% ने डिजिटल इंडिया पहल और 11.46% ने आत्मनिर्भर भारत बताया। सर्वे में शामिल हिंदी भाषी राज्यों के 30.04% लोगों ने राम मंदिर के वादे को पूरा करने को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। तेलुगु बोलने वाले 30.83% लोगों ने राम मंदिर और डिजिटल इंडिया पहल को सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। मूड ऑफ द नेशन सर्वे में शामिल 57.16% लोगों का मानना है कि आम चुनाव में राम मंदिर बड़ा मुद्दा होगा। वहीं, 31.16% लोगों को ऐसा नहीं लगता।

51.06% लोग नरेंद्र मोदी को फिर से चुनना चाहते हैं पीएम

सर्वे में शामिल 51.06% लोगों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना सबसे पसंदीदा उम्मीदवार बताया है। वहीं, 46.45% लोग राहुल गांधी को पीएम के रूप में देखना चाहते हैं। केरल के लोगों ने राहुल गांधी को अधिक पसंद किया है। सर्वे में शामिल केरल के 50.59% लोग राहुल गांधी को पीएम के रूप में देखना चाहते हैं।

मूड ऑफ द नेशन सर्वे में लोगों से पूछा गया था कि वोट किसे देना है यह तय करते वक्त उनके लिए सबसे ज्यादा क्या मायने रखता है? इसके जवाब में लोग ने मुफ्त की चीजों और लोकलुभावन वादों के झांसे में आने की दशकों पुरानी प्रथा छोड़ते दिखे। 80.5% लोगों ने कहा कि वे विकास के मुद्दे पर फैसला करते हैं न कि जाति, उम्मीदवार के प्रोफाइल या मुफ्त की चीजें देखकर।

मोदी लहर को काबू नहीं कर पाएगा इंडी अलायंस

सर्वे में शामिल 60.33% लोगों को लगता है कि इंडी अलायंस आम चुनाव में मोदी लहर को काबू नहीं कर पाएगा। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है वहां के अधिकतर लोगों का भी ऐसा ही मानना है। सिर्फ 32.28% लोगों को लगता है कि इंडी अलायंस मोदी लहर को कंट्रोल कर पाएगा। सर्वे में शामिल 48.24% लोगों का मानना है कि विपक्ष की सबसे बड़ी परेशानी विजन की कमी, नेतृत्व की कमी और प्रधानमंत्री पद के लिए बहुत सारे नेताओं का होना है।

सर्वे से पता चला है कि कांग्रेस के लिए संकट गहराता जा रहा है। सर्वे में शामिल 54.76% लोगों का मानना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की संभावनाओं में सुधार नहीं होगा। हालांकि 38.12% लोगों का मानना है कि राहुल की न्याय यात्रा के चलते कांग्रेस के आंकड़ों में सुधार हो सकता है।

मणिपुर हिंसा काबू नहीं कर पाना मोदी सरकार की सबसे बड़ी विफलता

सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया कि नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे बड़ी विफलता क्या है? 32.86% लोगों ने मणिपुर हिंसा को काबू नहीं कर पाना बताया। इसके बाद 21.3% लोगों ने पेट्रोल-डीजल की कीमत में वृद्धि और 19.6% लोगों ने महंगाई बताया। सर्वे में शामिल हिंदी पट्टी के 36.7% लोगों ने बेरोजगारी को सबसे बड़ी चिंता बताया। वहीं, तमिलनाडु के 41.79% लोगों ने तेल की कीमत को सबसे बड़ी विफलता बताया।

सर्वे में शामिल 51.36% लोगों का मानना है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले जानबूझकर उत्तर और दक्षिण भारत को बांटने की कोशिश की गई। केवल 35.28% लोग ऐसा नहीं मानते। सर्वे में पूछा गया कि क्या मोदी सरकार में मध्यम वर्ग के जीवन में सुधार हुआ है। 47.8% लोगों ने कहा कि सुधार हुआ है। वहीं, 46.1% लोगों को ऐसा नहीं लगता।

नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार पर लगाया लगाम

सर्वे में शामिल 51.07% लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने वादे पूरे किए हैं। वहीं, 42.97% लोगों को ऐसा नहीं लगता। 60.4% लोगों ने कहा कि नरेंद्र मोदी प्रशासन में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है। वहीं, 56.39% ने मोदी सरकार की विदेश नीति को पसंद किया है। 65.08% लोगों ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा चीन के साथ सीमा विवाद से निपटने के तरीके का समर्थन किया है। 21.82% लोग सरकार के बीजिंग से निपटने के तरीके से असंतुष्ट थे। 79.27% लोगों का मानना है कि पीएम मोदी के तहत वैश्विक व्यवस्था में देश की स्थिति में सुधार हुआ है। जब पूछा गया कि अगले पांच साल किसकी सरकार चाहते हैं तो सर्वे में शामिल 78.6% ने एनडीए और 21.4 % ने इंडी अलायंस को चुना।

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