असम: बाल विवाह मामले में मुस्लिमों के खिलाफ कार्रवाई की खूब हुई चर्चा, पकड़े गए लोगों में कम नहीं थे हिंदू, सरकार लाने वाली है कड़ा कानून

असम में बाल विवाह के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को मुस्लिमों को परेशान करने की कोशिश बताया गया था। अब जानकारी सामने आई है कि पकड़े गए लोगों में 45 फीसदी हिंदू हैं।

गुवाहाटी। असम की सरकार द्वारा बाल विवाह मामले में की गई सख्त कार्रवाई पिछले दिनों काफी चर्चा में रही थी। इसे मुस्लिमों को परेशान करने के लिए सरकार द्वारा अपनाया जा रहा हथकंडा बताया गया। कहा गया कि सरकार मुसलमानों को निशाना बना रही है। हालांकि सच्चाई यह है कि बाल विवाह के चलते पकड़े गए लोगों में हिंदुओं की संख्या भी कम नहीं थी।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस संबंध में अहम जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि तीन फरवरी 2023 तक बाल विवाह संबंधी मामलों में गिरफ्तार हुए मुस्लिमों और हिंदुओं का अनुपात 55:45 का था। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "इस कार्रवाई के दौरान हमारे कुछ लोग भी गिरफ्तार हुए। नेशनल फेमली हेल्थ सर्वे के आंकड़े के अनुसार बाल विवाह की समस्या धुबरी और दक्षिण सलमारा जिले (मुस्लिम बहुल जिले) में अधिक है। डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिले में यह बड़ी समस्या नहीं है।"

Latest Videos

निचले असम के जिलों में होती हैं कम उम्र में अधिक शादियां

विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण का जवाब देते हुए सीएम ने कहा, "मैंने कहा था कि विश्वनाथ से कुछ लोगों को उठाओ। कांग्रेस के शासनकाल में भी नेशनल फेमली हेल्थ सर्वे ने आंकड़े जुटाए थे। इसके अनुसार निचले असम के जिलों में सबसे ज्यादा कम उम्र में शादियां होती हैं और बच्चे पैदा किए जाते हैं।"

यह भी पढ़ें- आज संसद आ सकते हैं राहुल गांधी, UK में दिए बयान के लिए माफी मांगने की मांग कर रहा सत्ता पक्ष, सदन में चल रहा हंगामा

10 साल जेल की सजा पर विचार कर रही सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में बाल विवाह रोकने के लिए नया कानून बनाने की दिशा में विचार कर रही है। बाल विवाह के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। सीएम ने कहा, "हमारा स्टैंड साफ है कि बाल विवाह असम में जरूर रोका जाएगा। हम बाल विवाह के खिलाफ नया कानून लाने पर विचार कर रहे हैं। 2026 तक हम बाल विवाह के खिलाफ नया कानून लाने पर चर्चा कर रहे हैं। इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि जेल की सजा को दो साल से बढ़ाकर दस साल कर दिया जाए। हम अपराधियों के लिए चिल्ला रहे हैं, लेकिन पीड़ित नाबागिल बच्चियों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। राज्य में 11 साल की नाबालिग बच्ची मां बन रही है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।

यह भी पढ़ें- PM मोदी को मिल सकता है नोबेल शांति पुरस्कार, समिति के उपनेता ने बताया सबसे बड़ा दावेदार

Share this article
click me!

Latest Videos

Christmas Tradition: लाल कपड़े ही क्यों पहनते हैं सांता क्लॉज? । Santa Claus । 25 December
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts