असम में सीएए लागू होने के बाद केवल दो लोगों ने ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अवैध तरीके से राज्य में रहते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जाएगा।
CM Himanta Biswa Sarma warning on CAA: असम में सीएए कानून का कड़ाई से पालन कराने का ऐलान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने किया है। सीएम सरमा ने कहा कि 2015 के बाद भारत आए लोगों को वापस उनके देश भेजा जाएगा। अगर ऐसे लोग देश में रहना चाहते हैं तो सीएए के तहत आवेदन करें नहीं तो यहां कोई भी अवैध तरीके से नहीं रहेगा। असम में सीएए लागू होने के बाद केवल दो लोगों ने ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अवैध तरीके से राज्य में रहते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जाएगा।
सीएए के तहत नागरिकता आवेदन नहीं किया तो होगा एफआईआर
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अभी तक केवल दो लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है। सीएए के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो 2015 के पहले आया है उसे नागरिकता हासिल करने के लिए अप्लाई करने का फर्स्ट राइट है। अगर वह लोग नागरिकता के लिए अप्लाई नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि केवल पांच आवेदन नागरिकता के लिए आए थे जिसमें तीन व्यक्ति सुनवाई के लिए पेश नहीं हुए। केवल दो लोगों ने सीएए के तहत आवेदन किया।
असम के सीएम ने नागरिकता आवेदन के लिए दी वार्निंग
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने नागरिकता के लिए आवेदन करने की बात कहते हुए कहा कि यह वैधानिक चेतावनी है कि अगर कोई व्यक्ति जो 2015 के बाद यहां आया है तो उसे देश से बाहर भेजा जाएगा।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून सीएए के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इसके तहत केंद्र सरकार ऐसे गैर मुस्लिम नागरिकों को भारत की नागरिकता देगी जो 31 दिसंबर 2015 या उसके पहले तक बांग्लादेश, पाकिस्तान या अफगानिस्तान से भारत आ गए थे। हालांकि, इस नोटिफिकेशन के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। असम में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन सहित 30 संगठनों ने प्रोटेस्ट किया था। यह प्रोटेस्ट राज्यभर में हुए थे।
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