असम और मिजोरम की सीमा पर 25 जुलाई को हुए खूनी संघर्ष के बाद अब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री दोस्ती के साथ मसला हल करने के लिए आगे आए हैं।
नई दिल्ली. असम और मिजोरम सीमा पर अपने-अपने अधिकार को लेकर 25 जुलाई को हुए खूनी संघर्ष का शांतिपूर्वक हल निकलते दिखाई दे रहा है। केंद्र के हस्तक्षेप के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने बातचीत के जरिये समस्या का हल निकालने को राजी हुए हैं। साथ ही असम के मुख्यमंत्री ने मिजोरम के राज्यसभा सांसद के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने का आदेश दिया है। मिजोरम भी असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज शिकायत वापस लेने की तैयारी में है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्वोत्तर के सांसदों से मुलाकात की। सांसदों ने सीमा पर हुई हिंसा के अलावा दूसरे अन्य मुद्दों पर बात की।
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय गृहमंत्री से बातचीत की
रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने फोन पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की। इसके बाद दोनों ने कहा कि वे मैत्रीपूर्ण तरीके से समस्या सुलझा लेंगे। इसके बाद असम के मुख्यमंत्री ने tweet किया कि वे हिंसा के मामले में मिजोरम के राज्यसभा सदस्य के खिलाफ दर्ज FIR वापस ले रहे हैं। बता दें कि के वनलालवेना मिजोरम से राज्यसभा के एकमात्र सदस्य हैं।
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मिजोरम के मुख्यमंत्री के तेवर भी शांत हुए
केंद्र के हस्तक्षेप के बाद मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा भी शांत हो गए हैं। उन्होंने मिजोरम के लोगों से अपील की है कि वो सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट न डालें। माना जा रहा है कि वे असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज शिकायत भी वापस लेंगे। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लिहाजा सरमा ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। बता दें कि मिजोरम पुलिस ने सरमा सहित असम के 4 सीनियर अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। मिजोरम पुलिस ने कोलासिब जिले के वैरेंगते नगर के बाहरी हिस्से में हुई हिंसा के मामले में यह FIR दर्ज की है। FIR में दो और अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
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(हिंसा के बाद पीड़ित परिवार की तस्वीर और दूसरी हिंसा के दौरान की)