असम और मिजोरम की सीमा पर 25 जुलाई को हुए खूनी संघर्ष बाद मिजोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित 4 सीनियर अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
नई दिल्ली. असम और मिजोरम की सीमा पर 25 जुलाई को हुए खूनी संघर्ष बाद से यह मामला चर्चाओं में है। दोनों राज्य बॉर्ड पर सतर्कता बरत रहे हैं। इस बीच मिजोरम पुलिस ने इस संघर्ष के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को आरोपी माना है। मिजोरम पुलिस ने सरमा सहित असम के 4 सीनियर अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। मिजोरम पुलिस ने कोलासिब जिले के वैरेंगते नगर के बाहरी हिस्से में हुई हिंसा के मामले में यह FIR दर्ज की है। FIR में दो और अधिकारियों के नाम शामिल हैं। पुलिस ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी थी। सरमा को 1 अगस्त को थाने में पेश होने को कहा है।
असम पुलिस के 200 पुलिसकर्मियों पर भी मामला दर्ज
मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) जॉन एन ने मीडिया को बताया कि सभी के खिलाफ हत्या का प्रयास और आपराधिक साजिश रचने सहित अन्य धाराओं में FIR दर्ज की गई है। यह मामला वैरेंगते थाने में दर्ज किया गया है। इसके साथ ही असम पुलिस के 200 अज्ञात कर्मियों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। सरमा को नोटिस भेजा गया है कि वे 1 अगस्त को थाने में पेश हों। FIR में कथित तौर पर मिजोरम के वैरेंगते जिले में घुसने, कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने और भारतीय दंड संहिता के अलावा मिजोरम रोकथाम और कोविड -19 अधिनियम 2020 की रोकथाम का उल्लेख किया गया है।
मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा ने एक नोटिस tweet किया है- लिखा है- सभी को सार्वजनिक सूचना।#NorthEast India हमेशा नंवर-1 रहेगा।
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मिजोरम की कार्रवाई को बचकाना बताया
असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ मिजोरम पुलिस द्वारा FIR दर्ज कराने को असम ने बचकाना बताया है। असम के मंत्री अशोक सिंघल ने कहा-बचपना है, नासमझी है, नादानी है... मिज़ोरम की सरकार से आग्रह है कि भारत के संविधान के अंदर रहकर काम करे। हमें बातचीत से समाधान निकालना चाहिए। बंदूक से समाधान नहीं निकलेगा, FIR से समाधान नहीं निकलेगा। इससे आगे बातचीत का रास्ता बंद हो जाएगा, इससे 2 राज्यों के बीच रिश्ते ख़राब होंगे।
इस मामले में राहुल गांधी ने भी एक tweet किया है।
सुरक्षा बढ़ाई गई
हिंसा के बाद बॉर्डर पर सीआरपीएफ जवानों की 13 कंपनियां, जिनमें 147 बटालियन में से सात, 119 बटालियन की दो और 156, 10, 219 और 28 बटालियन में से एक-एक को असम की तरफ से तैनात किया गया है।
असम के लोगों को मिजोरम नहीं जाने की सलाह
इस बीच असम के लोगों को मिजोरम नहीं जाने की सलाह दी गई है। ऐसा संभवत: पहली बार हुआ है, जब एक राज्य के लोगों को दूसरे राज्य में जाने से रोकना पड़ रहा है। असम के गृह सचिव एमएस मणिवन्नन ने यह एडवायजरी करते हुए कहा कि खतरे की आशंका को देखते हुए यह सलाह दी गई है।
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