मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह समेत 28 के खिलाफ वसूली, धमकी समेत कई गंभीर आरोपों में केस दर्ज

महाराष्ट्र सरकार के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाने वाले पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह कई मामलों में फंसते दिख रहे है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 30, 2021 4:25 PM IST / Updated: Jul 30 2021, 10:27 PM IST

मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) के खिलाफ वसूली, धमकी सहित कई आरोपों में केस दर्ज किया गया है। एफआईआर परमबीर सिंह समेत 28 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है। ठाणे नगर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।

यह है पूरा मामला

परमबीर सिंह के खिलाफ सोनू जालान और केतन तन्ना ने केस दर्ज कराया है। ठाणे पुलिस स्टेशन में की गई शिकायत के अनुसार तन्ना और सोनू जालान को झूठे केस में फंसाकर गिरफ‌्तार किया गया था और फिर परमबीर सिंह की शह पर उनसे वसूली की गई। केतन और सोनू ने बताया कि पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही थी तो उन लोगों ने सरकार के पास न्याय की गुहार लगाई थी। 

परमबीर सिंह के खिलाफ एसआईटी गठित है 

परमबीर सिंह के खिलाफ दो दिन पहले महाराष्ट्र के ग़ृह विभाग ने सात सदस्यीय एसआईटी (SIT) गठित की थी। एसआईटी का नेतृत्व एक डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपा गया था। एसआईटी परमबीर सिंह के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करेगी। 

परमबीर सिंह सहित पांच लोगों डीसीपी पराग मनेरे, संजय पुनमिया, सुनील जैन और मनोज घोटकर के खिलाफ बिल्डर शरद अग्रवाल ने मकोका को झूठा केस लगाकर पंद्रह करोड़ रुपये वसूली करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। यह केस मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।  इसी मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित हुई है। 

कौन हैं परमबीर सिंह?

परमबीर सिंह महाराष्ट्र के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। मुंबई के कमिश्नर रहे हैं। बीते दिनों परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से सरकार ने हटा दिया था। मुंबई से हटने के बाद परमबीर सिंह ने राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य देने का आरोप लगाया था। 

पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों के बाद सरकार के कद्दावर मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को कुर्सी गंवानी पड़ी थी। 100 करोड़ रुपये वसूली के लक्ष्य मामले में बाम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले में जांच का आदेश दे दिया था। सीबीआई जांच के आदेश के बाद ईडी भी सक्रिय हो गई थी। 

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