शुभांशु शुक्ला कल आएंगे भारत, लखनऊ जाने के पहले पीएम मोदी से कर सकते हैं मुलाकात

Published : Aug 16, 2025, 05:06 PM ISTUpdated : Aug 16, 2025, 06:00 PM IST
Group Captain Shubhanshu Shukla

सार

Axiom-4 Mission से लौटे भारतीय अंतरिक्ष यात्री Shubhanshu Shukla भारत पहुंच रहे हैं। PM Modi से मुलाकात कर अपने Space Experience साझा करेंगे। Gaganyaan Mission और Indian Space Station योजना को मिलेगी नई दिशा।

Shubhanshu Shukla return: एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की भारत वापसी रविवार को होने वाली है। लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला, देश के दूसरे एस्ट्रोनॉट हैं जो अंतरिक्ष में गए हैं। axiom 4 mission पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रहकर लौटे हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली आने के बाद वह पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे साथ ही नेशनल स्पेस डे कार्यक्रम में भाग लेने के बाद वह लखनऊ जाएंगे।

Axiom-4 Mission के बाद पहली बार वतन वापसी

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सफल Axiom-4 Mission से लौटने के बाद पहली बार भारत आ रहे हैं। विमान से मुस्कुराती हुई तस्वीर पोस्ट कर उन्होंने लिखा कि दिल में भावनाओं का मिश्रण है। दोस्तों और परिवार से मिलने की खुशी है लेकिन उस टीम को छोड़ने का दुख भी जो इस मिशन के दौरान मेरा परिवार बनी। उन्होंने अपने कमांडर पेगी व्हिटसन का हवाला देते हुए कहा कि Spaceflight में केवल एक ही स्थायी चीज़ है – बदलाव (Change)।

18 दिन अंतरिक्ष में, 7 भारत-केंद्रित प्रयोग

Axiom Space के Ax-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला ने लगभग 433 घंटे, यानी 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर बिताए। इस दौरान उन्होंने 288 बार पृथ्वी की परिक्रमा की और कुल 12.2 मिलियन किलोमीटर की दूरी तय की जोकि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से लगभग 32 गुना अधिक है। वे 1984 के राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले भारत के दूसरे और निजी स्पेस मिशन से जाने वाले पहले भारतीय हैं। इस दौरान उन्होंने सात भारत-केंद्रित वैज्ञानिक प्रयोग किए जिन्हें अब भारतीय वैज्ञानिकों के लिए समीक्षा हेतु लाया गया है। इन परिणामों से गगनयान और भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं को दिशा मिलेगी।

भारत का स्पेस ड्रीम: गगनयान से चंद्रमा तक

गगनयान मिशन के लिए ISRO ने LVM3 रॉकेट को मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए तैयार कर लिया है। हालांकि, क्रू मॉड्यूल और Environment Life Control System अभी चुनौती बने हुए हैं। भारत इन तकनीकों को स्वदेशी स्तर पर विकसित कर रहा है क्योंकि इनके कंपोनेंट आयात नहीं किए जा सकते। भारत ने अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बनने का लक्ष्य तय किया है, जो अपनी तकनीक से अंतरिक्ष यात्री भेजेगा।

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