राम जन्मभूमि मामला- नवंबर तक आ सकता है फैसला, 70 साल से जारी विवाद

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में जल्द आ सकता है फैसला, 70 साल से चले आ रहा विवाद

Asianet News Hindi | Published : Aug 31, 2019 11:54 AM IST

नई दिल्ली. 70 साल से चले आ रहे राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद में जल्द ही फैसला आ सकता है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में नवंबर में अपना अंतिम फैसला सुना सकता है। बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांट दिया था। जिसमें रामलला को एक तिहाई, निर्मोही अखाड़े को एक तिहाई और एक तिहाई हिस्सा सुन्नीवक्क बोर्ड को मिला था। 

नवंबर में आ सकता है फैसला
सुप्रीम कोर्ट 6 अगस्त से मामले की सुनवाई कर रहा है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच में हो रही है। माना जा रहा है कि चीफ जस्टिस 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में उससे पहले निर्णय आ सकता है। सुन्नी वक्क बोर्ड की तरफ से पक्ष रख रहे राजीव धवन का कहना है कि वे इस मामले में 20 दिनों में अपनी बहस पूरी कर लेंगे। राजीव धवन ने इससे पहले सप्ताह में लगातार पांच दिन सुनवाई पर विरोध भी जताया था। वहीं शिया वक्क बोर्ड की तरफ से पक्ष रख रहे एमसी धिंग्रा ने हिंदू पक्षकारों का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि 1949 में मूर्ति को मस्जिद में रखा गया था। 

हिंदुओं की तरफ से रखा पक्ष
हिंदुओं की तरफ से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पीएन मिश्रा का कहना है कि इस्लामिक कानून के मुताबिक, बाबरी मस्जिद को मस्जिद नहीं माना जा सकता क्योंकि विवादित ढांचा ऐसी जमीन पर बनाया गया है, जो बाबर की नहीं थी। उन्होंने कहा कि मस्जिद का दर्जा पाने के लिए उस स्थान पर दिन में दो बार नियमित नमाज पढ़ा जाना अनिवार्य होता है, जो यहां नहीं किया गया। बता दें कि कारसेवकों ने 1992 में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिरा दिया था। 

Share this article
click me!