हैदराबाद की पहली बहुमंजिला इमारत थी चारमीनार, टॉप पर पहुंचने के लिए चढ़नी पड़ती हैं 149 सीढ़ियां

16वीं शताब्दी के आखिरी में हैदराबाद में प्लेग महामारी खत्म हो गई थी। तब इसका जश्न मनाने इस इमारत का निर्माण कराया गया था। कुली कुतुब शाह ने महामारी पर जीत को दिखाने इसका निर्माण करवाया और पर्शियन आर्किटेक्ट से शहर विकसित करवाया।

Dil Se Desi : देश आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) में सराबोर है। इसकी शुरुआज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मार्च 2021 में की थी। 15 अगस्त, 2022  को आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं उन मशहूर और यादगार स्मारक, मंदिर व म्यूजियम के बारें में, जो हिंदुस्तान की आन-बान और शान हैं। 'Dil Se Desi' सीरीज में बात लैंड ऑफ निजाम हैदराबाद की ऐतिहासिक स्मारक चार मीनार (Charminar) की...

चारमीनार नाम क्यों
चारमीनार का निर्माण इंडो-इस्लामिक कला के आधार पर किया गया था। इस इमारत से ही हैदराबाद शहर की ऐतिहासिक पहचान है। यह शहर के केंद्र में बनाया गया है।  इस ऐतिहासिक इमारत की संरचना की वजह से इसका नाम चारमीनार रखा गया है। इमारत में चार मीनारें हैं और हर मीनार में 4 मंजिल। चारमीनार में पत्थरों की बालकनी बनी हुई है। एक छत और दो गैलरी भी इसमें हैं। कहा जाता है की चारमीनार की चार मीनारें इस्लाम के पहले चार खलीफों का प्रतीक है।

Latest Videos

400 साल पुराना है चारमीनार का इतिहास
चारमीनार भारत के सबसे पुराने स्मारकों में से एक है। पांचवें कुतुबशाही निजाम शासक मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने 1591 में इसका निर्माण करवाया था। इसका निर्माण तब कराया गया था, जब राजधानी गोलकुंडा से हैदराबाद स्थानांतरित की गई थी। इसके बाद पर्शियन आर्किटेक्ट ने हैदराबाद शहर को विकसित किया था। कहा यह भी जाता है कि गोलकोंडा किले को चारमीनार से जोड़ने के लिए एक अंडरग्राउंड सुरंग भी बनाई गई है। माना जाता है कि घेराबंदी से बचने कुली कुतुब शाह ने सुरंग का निर्माण कराया था, हालांकि सुरंग कहां है यह अभी तक रहस्य ही है। 

हैदराबाद की पहली बहुमंजिला इमारत
चारमीनार हैदराबाद की पहली बहुमंजिला इमारत है। मीनार की मुख्य गैलरी में 45 लोग एक साथ इबादत कर सकते हैं। मीनार के सबसे ऊपर पहुंचने के लिए 149 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। सभी मिनारें 149 सीढ़ियों से अलग की गई हैं। मीनार की हर तरफ एक बड़ा वक्र बनाया गया है। यह 11 मीटर चौड़ा और 20 मीटर ऊंचा है। हर वक्र पर एक घड़ी लगाई गई है, जिसका निर्माण 1889 में हुआ था।

इसे भी पढ़ें
50 कुओं पर टिका है ताजमहल का वजन, नींव को पड़ती है पानी की जरूरत, हैरान करने वाले फैक्ट्स

भारतीय इतिहास में तिलक वो पीढ़ी, जिन्होंने मॉडर्न पढ़ाई की शुरुआत की, पुण्यतिथि पर जानिए बतौर छात्र उनका करियर

Share this article
click me!

Latest Videos

CM योगी आदित्यनाथ ने गिना दिया बंटने से अब तक क्या-क्या हुआ नुकसान #Shorts
Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
Dehradun Car Accident: 13 दिन ली गई कार बनी 6 दोस्तों के लिए 'काल', सामने आया सबसे बड़ा सवाल
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल
अब नहीं चलेगा मनमाना बुलडोजर, SC के ये 9 रूल फॉलो करना जरूरी । Supreme Court on Bulldozer Justice