
Swami Chaitanyanand Saraswati: ओडिशा के रहने वाले स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, जिन्हें पहले डॉ. पार्थसारथी के नाम से जाना जाता था। वह खुद को संत बताते हैं और पिछले लगभग 12 साल से आश्रम में रह रहे हैं। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब उनके ऊपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 2009 में उनके खिलाफ धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद 2016 में वसंत कुंज की एक महिला ने उनके खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दी थी, जिस पर पुलिस ने केस दर्ज किया था।
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, स्वामी चैतन्यानंद लड़कियों को वॉट्सऐप मैसेज भेजकर बुलाता था। अगर छात्राएं नहीं आती थीं, तो वह उन्हें एग्ज़ाम में नंबर काटने या फेल करने की धमकी देता था। पुलिस के मुताबिक, कई छात्राओं ने चैतन्यानंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। चैतन्यानंद इंस्टीट्यूट में मैनेजमेंट का काम संभालते थे। डीसीपी ऐश्वर्या ने बताया कि मामले में सभी के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और आरोपी को जल्द ही पकड़ा जाएगा। लड़कियों ने अगस्त में सबसे पहले इसकी शिकायत की थी।
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पुलिस ने बताया कि चैतन्यानंद वॉट्सऐप के जरिए लड़कियों को फंसाने की कोशिश करता था और उन्हें विदेश ले जाने का लालच देता था। इस मामले में तीन वॉर्डन भी आरोपी हैं। ये वॉर्डन लड़कियों को धमकाती थीं और उनकी वॉट्सऐप चैट डिलीट करवाती थीं। पुलिस ने बताया कि उन्होंने 50 छात्राओं के मोबाइल फोन की जांच की, जिसमें सभी में चैट डिलीट मिली हैं। साथ ही, पुलिस ने कहा कि चैतन्यानंद पिछले 16 साल से लगातार लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करता आ रहा है।