50 रु. के विवाद में बार्बर ने कर दिया दलित युवक का मर्डर, मचा हड़कंप

कर्नाटक के कोप्पल जिले में एक नाई की दुकान पर हुए विवाद ने दुखद मोड़ ले लिया। ₹50 के मामूली से बाल कटवाने के विवाद में एक युवक की हत्या कर दी गई, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया है।

कोप्पल (अगस्त 19): कड़ी गरीबी के चलते मजदूरी करके अपने परिवार का सहारा बने यमनूरप्पा ईरप्पा बंडीहाल उस दिन अगर ₹50 लेकर आते तो शायद जिंदा होते!

जी हां, येल्बुर्गा तालुक के संगनाल गांव में बाल कटवाने से इनकार और पहले पैसे देने की जिद पर हुए विवाद का दुखद अंत हत्या के रूप में हुआ है। महज ₹50 की बात पर शुरू हुआ विवाद हत्या का कारण बना। इससे पूरा समाज शर्मसार हुआ है और पूरे राज्य में आक्रोश है।

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क्या हुआ था?: यमनूरप्पा बाल कटवाने के लिए संगनाल गांव की एक नाई की दुकान पर गए थे। उस समय वहां जगदीश नाम का एक व्यक्ति बाल कटवा रहा था। बाल कटवाने आए यमनूरप्पा से नाई मुदकप्पा हडपद ने पहले पैसे मांगे।

यमनूरप्पा ने कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं और उनके भाई आकर पैसे दे देंगे। लेकिन, मुदकप्पा ने मना कर दिया और बिना पैसे दिए बाल काटने से इनकार कर दिया। इसी बात पर दोनों में कहासुनी हो गई और देखते ही देखते हाथापाई शुरू हो गई। यह देखकर बाल कटवा रहे जगदीश डर गए और आधे कटे बालों के साथ ही वहां से भाग गए।

इस बीच, आसपास कोई न होने का फायदा उठाकर मुदकप्पा और यमनूरप्पा के बीच मारपीट बढ़ गई। मुदकप्पा ने अपने पास रखी कैंची से यमनूरप्पा पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। यमनूरप्पा दर्द से कराहते हुए पास की एक दुकान में जाकर गिर पड़े। इस घटना की जानकारी खुद मुदकप्पा ने यमनूरप्पा के भाई को फोन करके दी। उसने कहा कि तुम्हारा भाई मेरे साथ झगड़ा करके वहां पड़ा हुआ है, जाकर देख लो। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे हनुमंतप्पा अपने भाई को आनन-फानन में अस्पताल ले गए। लेकिन, अस्पताल पहुंचने से पहले ही यमनूरप्पा दम तोड़ चुके थे।

 

हनुमंतप्पा ने बताया कि उनका भाई चला गया। अगर वह मेरे भाई के बाल काट देता तो मैं आकर पैसे दे देता। लेकिन, उसने दलित होने के कारण पैसे न होने का बहाना बनाकर बाल काटने से इनकार कर दिया। मेरे भाई ने जब इसका विरोध किया तो उसने मारपीट शुरू कर दी और जान से मारने की नियत से उसके पेट में कैंची घोंप दी। हनुमंतप्पा ने कहा कि उनके भाई के साथ जो हुआ वह किसी के साथ न हो। उन्होंने दलितों के लिए सम्मानजनक जीवन की मांग की।

अत्यंत गरीबी: यमनूरप्पा के परिवार में अत्यंत गरीबी थी। पिता के गुजर जाने के बाद उनकी मां यल्लम्मा ही अपने तीन बच्चों का पालन-पोषण कर रही थीं। यल्लम्मा ने बताया कि बड़ा बेटा पढ़े, छोटा बेटा पढ़े, यह सोचकर बीच वाला बेटा मजदूरी करके हम सबका पेट पाल रहा था, लेकिन अब वह भी नहीं रहा।

यल्लम्मा ने बताया कि 9 साल पहले उन्होंने अपने पति को खो दिया था और अब कमाऊ बेटे को खोने के बाद उनके पास जीने का कोई सहारा नहीं बचा है।

सरकारी नौकरी: मृतक यमनूरप्पा के परिवार को सरकारी नौकरी और ₹8 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक राजू तलवार और तालुक समाज कल्याण विभाग के अधिकारी शशिधर ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

राजू तलवार ने बताया कि दलित व्यक्ति की हत्या के मामलों में दिए जाने वाले ₹8.25 लाख और सरकारी नौकरी का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल ₹4 लाख की राशि तुरंत जारी की जाएगी।

गांव में सन्नाटा पसरा:
संगनाल गांव में हमेशा से सद्भाव रहा है। गांव के सवर्ण और दलित समुदाय के लोगों के बीच पहले कभी कोई विवाद नहीं हुआ और न ही यहां छुआछूत जैसी कोई कुप्रथा है। लेकिन, इस घटना के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।

पुलिस ने की जांच: येल्बुर्गा के डीवाईएसपी मुथ्थु सवरगोल ने संगनाल गांव पहुंचकर घटनास्थल का मुआयना किया और मामले की जांच की। उन्होंने स्थानीय लोगों से पूछताछ की और साक्ष्य जुटाए।

उन्होंने बताया कि मामले की रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद पीड़ित परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी- राजू तलवार, उपनिदेशक, समाज कल्याण विभाग

दलित नेता गणेश होरतनाड ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह बेहद अमानवीय घटना है। बाल कटवाने गए दलित युवक की हत्या निंदनीय है। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को ₹50 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की।

ग्राम पंचायत सदस्य दुर्गप्पा नडुलकेरे ने कहा कि उनके गांव में पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आरोपी नाई उनके गांव का रहने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि इस घटना से पीड़ित परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग की।

मृतक यमनूरप्पा के भाई हनुमंतप्पा ने कहा कि उनके भाई को खोने के बाद उन पर कयामत टूट पड़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी नाई ने उनके भाई को दलित होने के कारण अपमानित किया और विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी।

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