सेंट्रल जेल में मोबाइल इस्तेमाल कर रहा ISIS रिक्रूटर, वीडियो वायरल, अब एक्शन मोड में होम मिनिस्टर

Published : Nov 09, 2025, 02:21 PM IST
bengaluru jail isis recruiter mobile phone security lapse investigation

सार

बेंगलुरु सेंट्रल जेल से चौंकाने वाला वीडियो सामने आया, जिसमें ISIS रिक्रूटर और कुख्यात रेप-किलर मोबाइल फोन और टीवी का इस्तेमाल करते दिखे। गृह मंत्री बोले “बहुत हो गया”, सुरक्षा चूक पर ADGP से रिपोर्ट मांगी गई।

नई दिल्ली। बेंगलुरु सेंट्रल जेल से सामने आया एक वीडियो पूरे कर्नाटक में हड़कंप मचा रहा है। वीडियो में कुख्यात ISIS रिक्रूटर जुहैब हमीद शकील मन्ना और सीरियल रेपिस्ट-किलर उमेश रेड्डी मोबाइल फोन और टीवी का इस्तेमाल करते दिखाई दिए। यह वीडियो सामने आने के बाद राज्य सरकार और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा है कि "अब बहुत हो गया", और उन्होंने अधिकारियों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

जेल में आतंकियों को मोबाइल और टीवी कैसे मिला?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि इतनी हाई सिक्योरिटी वाली जेल में इन कुख्यात कैदियों के पास मोबाइल और टीवी कैसे पहुंचा? वीडियो में ISIS रिक्रूटर मन्ना को फोन पर बात करते, चाय पीते और टीवी देखते हुए देखा जा सकता है। दूसरी तरफ, सीरियल रेपिस्ट उमेश रेड्डी अपने बैरक में दो एंड्रॉयड फोन और एक कीपैड मोबाइल इस्तेमाल करता दिखा। सूत्रों के मुताबिक, जेल स्टाफ की लापरवाही या मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं था। इससे पहले भी बेंगलुरु सेंट्रल जेल में VIP ट्रीटमेंट और मोबाइल इस्तेमाल के कई मामले सामने आ चुके हैं।

 

 

"बहुत हो गया" मंत्री का फूटा गुस्सा!

गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मीडिया से कहा, “मैं इस बकवास को बर्दाश्त नहीं करूंगा। अगर जेल में मोबाइल और टीवी मिल रहे हैं, तो जेल का मतलब ही खत्म हो गया है। स्टाफ कम है, ये कोई बहाना नहीं है।” उन्होंने ADGP बी दयानंद से रिपोर्ट मांगी है और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

ISIS रिक्रूटर मन्ना कौन है?

जुहैब हमीद शकील मन्ना को NIA ने आतंक फैलाने और युवाओं को ISIS में भर्ती करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह कथित तौर पर भारत से युवाओं को तुर्की के रास्ते सीरिया भेजने की साजिश में शामिल था।

सीरियल रेपिस्ट उमेश रेड्डी की कहानी क्या है?

उमेश रेड्डी 18 रेप और मर्डर केस में नामजद है। 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी फांसी की सजा को 30 साल कैद में बदल दिया था, जब उसने मानसिक रूप से बीमार होने का दावा किया था। अब वही कैदी जेल में आराम से फोन और टीवी चला रहा था।

सरकार की सख्ती और जांच शुरू

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जेल विभाग ने भी वीडियो की सत्यता जांचने और दोषियों की पहचान करने के आदेश दिए हैं। परमेश्वर ने कहा, “अगर जेल में अपराधी मोबाइल और टीवी चला सकते हैं, तो ये जेल नहीं क्लब बन गया है।”

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Presidential Suite: वो कमरा जहां पुतिन ठहरें, जानें क्यों है ये टॉप-सीक्रेट रूम
इंडिगो संकट के बीच यात्रियों के लिए गुड न्यूज या नया संकट? DGCA ने लिया चौंकाने वाला फैसला