बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे में हुए आतंकी हमले के आरोपी मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन ताहा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गिरफ्तार कर लिया है।
बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे। बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे में हुए आतंकी हमले के आरोपी मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन ताहा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पता चला है कि वो भारत को अस्थिर करने और सत्ता विरोधी माहौल तैयार करने के लिए एक के बाद एक विस्फोट करने के फिराक में थे। इस बात की जानकारी NIA के अधिकारियों ने CNN-News18 को दी।
NIA के सूत्रों को जानकारी मिली थी कि आरोपी पश्चिम बंगाल के पुरबा मेदिनीपुर जिले में छिपे हुए थे । अगर वो पकड़े नहीं जाते तो नए ठिकाने की तलाश में लगे रहते। एक अधिकारी ने कहा, ''वे कभी विदेश नहीं जाना चाहते थे क्योंकि उनके काम केवल भारत तक ही सीमित थे।'' ये इंडियन मुजाहिदीन का वही पैटर्न है, जिसने अपनी गतिविधियों को भारत तक ही सीमित रखा था।"
आतंकवादियों के पास अलग-अलग नामों से आईडी
सूत्रों ने कहा कि आतंकवादी मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन ताहा टेलीग्राम और अन्य एन्क्रिप्टेड ऐप्स के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। उनका कहना है कि दोनो अपराधियों की किसी अन्य लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। हालांकि, इस क्रम में केवल मथीन ही अपनी मां के संपर्क में था।उनके पास अलग-अलग नामों से एक दर्जन से अधिक आईडी थीं।
आतंकवादी पूरी तरह से सत्ता-विरोधी और भारत-विरोधी
NIA के मुताबिक आतंकवादी पूरी तरह से सत्ता-विरोधी और भारत-विरोधी हैं। इसके लिए वो बड़े नेताओं और महत्वपूर्ण स्थानों पर हमला करना चाहते थे। इसके लिए जांच की जाएगी कि क्या वो लोकसभा चुनाव के दौरान किसी नेता को अपना शिकार बनाना चाहते थे।सूत्रों ने बताया कि दोनों बेनकाब होने के बाद चेन्नई से भागना चाहते थे, इसलिए वे कोलकाता गए और नई आईडी लीं। उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने नए दस्तावेजों और अस्तित्व के लिए पुरबा मेदनीपुर जाने का फैसला किया।
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