GOOD NEWS: थर्ड फेज के ट्रायल में ओवरऑल 77.8% असरकारक मिली कोवैक्सिन, डेल्टा वेरिएंट से भी करेगी सुरक्षा

भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) के थर्ड फेज के क्लिनिकल ट्रायल के रिजल्ट जारी कर दिए हैं। यह ओवरऑल 77.8% प्रभावी पाई गई है। वहीं, कोरोना के खतरनाक डेल्टा वेरिएंट से भी सुरक्षा देगी।

Asianet News Hindi | Published : Jul 3, 2021 3:41 AM IST / Updated: Jul 03 2021, 10:57 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) के थर्ड फेज के क्लिनिकल ट्रायल के आफिशियल रिजल्ट जारी कर दिए हैं। इसमें दावा किया गया है कि यह वैक्सीन संक्रमण रोकने में ओवरऑल 77.8% असरकार है। वहीं, डेल्टा जैसे खतरनाक वेरिएंट से भी लोगों को सुरक्षा प्रदान करती है। यह डेल्टा वेरिएंट के विरुद्ध 65.2% प्रभावी है, जबकि गंभीर संक्रमण से बचाने में 93.4% असरकार है।

24 हजार से अधिक वॉलिंटियर पर किया गया ट्रायल
कोवैक्सिन के थर्ड फेज के ट्रायल के लिए 24419 वॉलिंटियर्स ने अपनी सेवाएं दीं। इनमें से 12221 वॉलिंटियर्स को रियल वैक्सिन, जबकि 12198 को  प्लेसिबो दी गई। बता दें कि प्लेसिबो इलाज का एक फेक जरिया होता है। यानी इसमें दवा-वैक्सीन या अन्य किसी तरीके से किए गए ट्रीटमेंट में रियल दवा नहीं दी जाती है। प्लेसिबो में ऐसा कोई पदार्थ मरीज को दिया जाता है, जो उसकी हेल्थ पर कोई प्रतिकूल असर नहीं डालता। मरीज को इसके बारे में नहीं बताया जाता है। इससे उसे यही लगता है कि उसे रियल दवा दी गई और वो मानसिकतौर पर अच्छा महसूस करता है।

2 हफ्ते तक रखी गई रिजल्ट पर नजर
16973 मरीजों को कोवैक्सिन और प्लेसिबो के दो डोज देने के बाद 2 हफ्ते तक उनकी सेहत पर नजर रखी गई। इसमें पाया गया कि इस दौरान 130 वॉलिंटियर कोरोना से पॉजिटिव हुए। इनमें से 24 को असली, जबकि 124 को प्लेसिबो दी गई थी। यानी कोवैक्सिन 77.8% प्रभावी पाई गई। इनमें से 16 लोग गंभीर रूप से संक्रमित हुए। इनमें से सिर्फ 1 को असली वैक्सीन दी गई थी। 

सिर्फ 99 वॉलिंटियर्स मे गंभीर
थर्ड फेज के ट्रायल में 99 वॉलिंटियर्स में गंभीर साइड इफेक्ट्स मिले। इनमें से 39 को रियल डोज, जबकि 60 को प्लेसिबो दी गई थी। इस फेज में 15 वॉलिंटियर्स की मौत सामने आई। हालांकि ये मौतें वैक्सीन या प्लेसिबो के साइड इफेक्ट्स से नहीं, बल्कि गंभीर संक्रमण के चलते हुई थीं। इनमें से 5 को रियल डोज, जबकि 10 को प्लेसिबो दी गई थी।

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