भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन का अमेरिका में ट्रायल करने का फैसला किया है। कंपनी ने यह कदम अमेरिका में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी ना मिलने के बाद उठाने का फैसला किया है।
नई दिल्ली. भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन का अमेरिका में ट्रायल करने का फैसला किया है। कंपनी ने यह कदम अमेरिका में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी ना मिलने के बाद उठाने का फैसला किया है।
दरअसल, अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स ऐडनिस्ट्रेशन यानी एफडीए ने हाल ही में वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने से इनकार कर दिया। एफडीए ने वैक्सीन के लिए क्लिनिकल ट्रायल के डेटा मांगे।
अमेरिका में क्यों नहीं मिली मंजूरी
भारत में कोवैक्सिन का इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अमेरिका में कोवैक्सिन को मंजूरी क्यों नहीं मिली। FDA ने भारत बायोटेक की Covaxin के इस्तेमाल को इसलिए मंजूरी नहीं दी, क्योंकि कंपनी ने इस साल मार्च से थोड़ा ही टेस्टिंग डाटा दिया था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, FDA ने भारत बायोटेक को ज्यादा टेस्टिंग डाटा देने के लिए कहा है। यूएस एफडीए ने भारत बायोटेक को एक और ट्रायल करने के लिए कहा है, ताकि वह बायोलॉजिक्स लाइसेंस एप्लिकेशन (BLA) के लिए फाइल कर सके।
भारत बायोटेक वर्तमान में कोवैक्सिन के लिए फेज -3 क्लिनिकल ट्रायल कर रहा है। उन्होंने बुधवार को बताया कि वे जुलाई में डाटा पब्लिक करेंगे। जिसके बाद कंपनी कोविड -19 वैक्सीन के पूर्ण लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी।