देश के सबसे बड़े पुरस्कार भारत रत्न से तीन लोगों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सम्मानित किया। ये अवॉर्ड पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख, और असम के प्रसिद्ध गायक भूपेन हजारिका को दिया गया।
नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े पुरस्कार भारत रत्न से तीन लोगों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सम्मानित किया। ये अवॉर्ड पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख, और असम के प्रसिद्ध गायक भूपेन्द्र हजारिका को दिया गया। भूपेन्द्र हजारिका और नानाजी देशमुख को ये अवॉर्ड मरणोपरान्त दिया गया। ये एलान 2019 की शुरुआत में ही कर दिया गया था।
प्रणब मुखर्जी
देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत, कोलकाता के डिप्टी अकाउंटेंट जनरल ऑफिस में एक क्लर्क के तौर पर शुरू की थी। इसके बाद वे राजनीति में आ गए। जहां वे मेहनत के बल पर देश के राष्ट्रपति पद तक पहुंचे। वे भारत के 13 वें राष्ट्रपति बने। उन्होंने वित्त मंत्रालय और अन्य आर्थिक मंत्रालयों में अपनी सेवाएं दी।
उन्हें भारत का संकटमोचक कहा जाता रहा है। प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया। उनके नेतृत्व में भारत ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड में 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की अन्तिम किस्त नहीं लेने का गौरव हासिल किया। प्रधानमंत्री की गैरमौजदूगी में उन्होंने साल 1980-1985 के दौरान केन्द्रीय मंत्रीमंडल की बैठकों की अध्यक्षता की। उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा जा चुका है। साल 1997 में उन्हें सर्वेश्रेष्ठ सांसद का अवॉर्ड भी मिला था। अमेरिका से प्रकाशित होने वाली यूरोमनी पत्रिका के सर्वे में वे दुनिया के पांच सबसे प्रभावशाली वित्तमंत्रियों में भी रहे।
कौन हैं नानाजी देशमुख
नानाजी देशमुख जनसंघ के संस्थापकों में शामिल थे। वह एक समाजसेवी थे। साल 1977 जनता पार्टी की सरकार में उन्हें मोरारजी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। अटल बिहारी सरकार में उन्हें राज्यसभा सांसद मनोनीत किया था। उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में योगदान के लिए 1999 में पद्म विभूषण भी प्रदान किया था।
राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने नानाजी देशमुख और उनके संगठन दीनदयाल शोध संस्थान की तारीफ की थी। उन्होंने 15 साल की उम्र में ग्रामीण विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। इसी विश्वविद्यालय में उनका निधन हो गया था।
कौन हैं भूपेन्द्र हजारिका
भूपेंद्र हजारिका असम के एक लोक गीतकार है। वे गीतकार के साथ साथ संगीतकार और गायक थे। वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार रहे। साल 1975 में उन्हें सर्वेश्रेष्ट रीजनल फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरुस्कार मिला था। 1992 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 2009 में असोम रत्न, 2011 में पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया।