भारत निर्वाचन आयोग ने बुधवार को बिहार चुनावों के मद्देनजर राज्य में आयोजित रैलियों के दौरान नेताओं द्वारा की जा रही लापरवाही पर संज्ञान लिया। चुनाव आयोग ने कड़ा रूख अपनाते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों को चेतावनी दी है कि जनसभाओं और रैलियों के दौरान तय संख्या में भीड़ जुटाने और कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन किया जाए।
नई दिल्ली. भारत निर्वाचन आयोग (Election commision of india) ने बुधवार को बिहार चुनावों के मद्देनजर राज्य में आयोजित रैलियों के दौरान नेताओं द्वारा की जा रही लापरवाही पर संज्ञान लिया। चुनाव आयोग ने कड़ा रूख अपनाते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों को चेतावनी दी है कि जनसभाओं और रैलियों के दौरान तय संख्या में भीड़ जुटाने और कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन किया जाए।
दरअसल, बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राज्य में कईं राजनीतिक पार्टियां जनसभाओं और रैलियों के दौरान कोविड-19 से जुड़े निर्देशों का पालन नहीं कर रहीं है। यहां तक कि इन पार्टियों के कुछ शीर्ष नेता भी चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।
चुनाव आयोग ने जिला स्तर पर जिम्मेदारी तय की
इसी पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने बिहार के जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों की जिम्मेदारी तय करते हुए कहा है कि वे अपने जिले में रैलियों के लिए ऐसा मैदान चुनेंगे, जहां एंट्री और एग्जिट की उचित सुविधा हो। लेकिन ध्यान रखा जाए कि मैदान में उतने ही लोग उपस्थित रहें, जितना कि स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी अनुमति दे। डोर टू डोर कैंपेनिंग के लिए उम्मीदवार और सुरक्षाकर्मी सहित सिर्फ पांच लोगों को अनुमति दी जाएगी।
तीन चरणों में होना है चुनाव
बिहार में कुल तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले चरण की 71 सीटों के लिए 28 अक्टूबर को मतदान होगा, वहीं दूसरे चरण की 94 सीटों के लिए तीन नवंबर और तीसरे चरण की 78 सीटों के लिए सात नवंबर को मतदान होंगा। सभी 243 सीटों के नतीजे 10 नवंबर को अन्य राज्यों के परिणामों के साथ आएंगे।