
नई दिल्ली। बिहार ने एक बार फिर लोकतंत्र का सबसे चमकदार उदाहरण पेश किया है। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बुधवार को पुष्टि की कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 67.13% का रिकॉर्ड मतदान दर्ज किया गया है-जो आज़ादी के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे अधिक है। इससे भी बड़ी उपलब्धि यह रही कि इस बार एक भी पुनर्मतदान (Re-poll) नहीं हुआ। यह उपलब्धि चुनाव आयोग की “बिहार फ़र्स्ट” पहल की सफलता मानी जा रही है। मार्च 2025 से शुरू हुए इस मिशन के तहत 17 बड़े चुनावी सुधार किए गए, जिनमें 100% वेबकास्टिंग, बूथ स्तर पर निगरानी, और मतदाता सूची की गहन समीक्षा शामिल थी।
बिहार ने इस बार सिर्फ रिकॉर्ड वोटिंग ही नहीं की, बल्कि लोकतंत्र में विश्वास की नई मिसाल भी पेश की। चुनाव आयोग ने बताया कि जहां 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में पुनर्मतदान हुए थे, वहीं 2025 में सभी 122 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान बिना किसी गड़बड़ी के पूरा हुआ।
विशेषज्ञ मानते हैं कि बिहार का यह शांतिपूर्ण, रिकॉर्ड-ब्रेकिंग चुनाव भविष्य के लिए एक राष्ट्रीय रोल मॉडल बन सकता है। 2025 में बिहार ने सिर्फ वोट नहीं डाले, उसने साबित किया कि तकनीक, पारदर्शिता और लोगों के भरोसे से लोकतंत्र और मजबूत हो सकता है। इसके अलावा, आयोग ने EVM और VVPAT सिस्टम में भी सुधार किए, और पहली बार मतदाता-केंद्रित ऐप लॉन्च किया जिससे मतदाता अपने केंद्र, पर्ची और वोटिंग स्टेटस की जानकारी रियल टाइम में प्राप्त कर सके। यह सब मिलकर बिहार को भारत का पहला “Zero Repoll” राज्य बनाता है, जहां पारदर्शिता, तकनीक और नागरिक सहभागिता ने मिलकर लोकतंत्र की नई मिसाल पेश की है।