बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी द्वारा सरेंडर के लिए और समय मांगने की याचिका खारिज कर दी है। टॉप कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी आरोपी रविवार तक हर हाल में सरेंडर करें।
SC On Bilkis Bano Case. सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के उस आरोपी की याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उसने सरेंडर के चार सप्ताह का और समय मांगा था। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि हर हाल में सभी आरोपी रविवार यानि 21 जनवरी 2024 तक सरेंडर करें। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बिककिस बानो रेप केस के सभी 11 आरोपियों की रिहाई ऑर्डर को कैंसिल कर दिया था। 2002 के गोधरा कांड के दौरान यह मामला सामने आया था, जिसमें 11 आरोपियों को दोषी ठहराया गया था।
आरोपी ने क्या दलील दी थी
बिलकिस बानो केस के आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके डिमांड की थी कि उसे सरेंडर करने के लिए कम से कम 4 सप्ताह का और समय दिया जाए। आरोपी ने बताया था कि उसके माता-पिता वृद्ध और बीमार हैं, जिनकी देखभाल की जिम्मेदारी उसके ऊपर है। साथ ही बच्चों की पढ़ाई आदि के लिए आर्थिक जरूरतों को भी पूरा करने की जिम्मेदारी है। इसलिए उसे सरेंडर करने के लिए ज्यादा वक्त दिया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी और सभी आरोपियों को तत्काल यानि रविवार तक हर हाल में सरेंडर करने के निर्देश दिए हैं।
8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट की जज बीवी नागरत्ना और उज्जवल भुयन की बेंच ने मामले में 11 दिनों तक सुनवाई की और अक्टूबर में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को सभी 11 अरोपियों की रिहाई ऑर्डर निरस्त कर दिया और फिर से जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी किए थे। दरअसल, आरोपियों की डेथ पेनाल्टी को आजीवन कारावास में बदला गया था। जिसके बाद गुजरात सरकार ने 14 साल की सजा के बाद इन्हें रिहा कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार से भी सवाल किए।
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