राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा: फर्श पर सोना-नारियल पानी पीना, प्रमुख मंदिरों के दर्शन...पढ़ें 11 दिन के कठिन संकल्प को कैसे पूरा कर रहे PM मोदी

सार

PM मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा मुख्य अनुष्ठान को अपने हाथों पूर्ण करेंगे। इससे पहले वे सभी यम-नियमों का पालन कर रहे हैं। प्राण-प्रतिष्ठा से 11 दिन पहले से ही पीएम मोदी इन अनुष्ठानों का सख्ती से पालन कर रहे हैं।

 

Ram Mandir Pran Pratishtha. अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अथक प्रयास कर रहे हैं। कार्यक्रम से 11 दिन पहले से ही वे नियमों और अनुष्ठानों का सख्ती से पालन कर रहे हैं। इसी क्रम में पीएम देश भर के प्रमुख मंदिरों का दौरा कर रहे हैं, जिसके पीछे देश को भगवान राम के लिए एकजुट करने का भी उद्देश्य है। प्रधानमंत्री ने स्वच्छ तीर्थ अभियान भी शुरू किया जिसे देश भर में बड़ी सफलता मिली है। सभी क्षेत्रों में इस अभियान के तहत देवालयों, मंदिरों की स्वच्छा में आम जनता जुटी है। यह प्रभु राम के लिए पीएम मोदी का प्रयास ही है, जो प्राण-प्रतिष्ठा से पहले पूरा कर रहे हैं।

11 दिन पहले लिया अनुष्ठान का संकल्प

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प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले प्रधानमंत्री ने 11 दिन तक अनुष्ठान करने का संकल्प लिया। अनुष्ठान के लिए वह पवित्र ग्रंथों द्वारा निर्धारित कई प्रथाओं का पालन कर रहे हैं। वे फर्श पर कंबल ओढ़कर सो रहे हैं और केवल नारियल पानी पी रहे है। गौ-पूजा करना और प्रतिदिन गायों को चारा खिलाना उनकी दिनचर्या में शामिल है। वे प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के 'दान' जैसे 'अन्नदान' और वस्त्र दान कर रहे हैं। समर्पित राम भक्त के रूप में प्रधानमंत्री पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में प्रमुख मंदिरों का दौरा कर रहे हैं। इनमें नासिक में रामकुंड और श्री कालाराम मंदिर भी शामिल हैं। इसके अलावा वे लेपाक्षी, पुट्टपर्थी, आंध्र प्रदेश में वीरभद्र मंदिर, केरल में गुरुवयूर मंदिर और त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर में दर्शन कर चुके हैं। इसी तरह वे अगले दो दिनों में तमिलनाडु में ऐसे और मंदिरों का दौरा करेंगे। ये मंदिर न केवल देश के विभिन्न हिस्सों को एकजुट करने का काम करते हैं बल्कि इनका भगवान राम से भी गहरा संबंध है।

मंदिरों का दौरा और रामायण सुनना

पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री का देश भर के मंदिरों का दौरा करना और कई भाषाओं में रामायण सुनना देखा गया है। मंदिरों में भजन कार्यक्रम में भाग लेना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका प्रभाव धर्म के आम तौर पर समझे जाने वाले दायरे से कहीं आगे तक जाता है। पीएम के प्रयासों का उद्देश्य पीएम के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के दृष्टिकोण के अनुसार भारतीय सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत करना भी है।

पीएम मोदी का स्वच्छ तीर्थ अभियान

पीएम मोदी ने स्वच्छ तीर्थ अभियान की भी शुरुआत की और खुद इसका नेतृत्व किया। 12 जनवरी को उन्होंने नासिक के श्री कालाराम मंदिर के मंदिर परिसर की खुद सफाई की। उदाहरण पेश करने वाले देश के प्रधान सेवक के इस विनम्र कार्य ने देश भर में मंदिरों की स्वच्छता के लिए जन आंदोलन की शुरुआत की। लाखों लोगों ने स्वेच्छा से मंदिरों की सफाई का कार्य संभाला। इस आंदोलन में देश के सभी क्षेत्रों के लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई है। मशहूर हस्तियों से लेकर आम आदमी तक सभी ने प्रधानमंत्री के आह्वान का जवाब दिया। इसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर #SwachhTeerthCampaign ट्रेंड से भी समझा जा सकता है।

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