चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में पेश, नियुक्ति पैनल में अब सीजेआई की जगह केंद्रीय मंत्री

Published : Dec 12, 2023, 02:42 PM ISTUpdated : Dec 12, 2023, 10:14 PM IST
Rajya sabha

सार

मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के पैनल में पीएम, भारत के मुख्य न्यायाधीश, व नेता प्रतिपक्ष के पैनल को अधिकृत किया गया था।

Bill for Top Election Officers appointment: भारत चुनाव आयोग के टॉप तीन ऑफिसर्स की नियुक्ति संबंधी विवादास्पद विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया गया। विभिन्न आपत्तियों के बीच सरकार ने निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया है जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के पैनल में पीएम, भारत के मुख्य न्यायाधीश, व नेता प्रतिपक्ष के पैनल को अधिकृत किया गया था। लेकिन सरकार के विधेयक में नियुक्ति पैनल से सीजेआई को हटा दिया गया है।

कॉलेजियम जैसी व्यवस्था चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में करने की मांग

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह मांग की गई थी कि कॉलेजियम जैसी व्यवस्था चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए की जाए। इसको सुनिश्चित करते हुए कोर्ट ने एक पैनल निर्धारित किया जिसमें प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, नेता प्रतिपक्ष को शामिल किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि लोकसभा में विपक्ष का अगर कोई नेता नहीं है तो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी का एक प्रतिनिधि उस पैनल में पारदर्शिता के लिए शामिल किया जाएगा।

सरकार अब ला रही विधेयक

अब सरकार चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए एक विधेयक पेश है। इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। सीजेआई की जगह पर पैनल में एक केंद्रीय मंत्री को शामिल किया जाएगा। दरअसल, सरकार इस विधेयक को सितंबर के स्पेशल सेशन में लाना चाहती थी लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते उसे पेश नहीं किया जा सका। विवाद का एक मुख्य मुद्दा चयन पैनल में भारत के मुख्य न्यायाधीश के स्थान पर एक केंद्रीय मंत्री को शामिल करने पर थी। विधेयक में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों का दर्जा छीनने और मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों का वेतन कैबिनेट सचिव के बराबर लाने के प्रस्ताव पर भी विरोध हुआ।

सरकार ने किए अब यह संशोधन

सरकार ने चयन पैनल में भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को शामिल करने का प्रावधान बरकरार रखा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जजों के बराबर उनके दर्जा में कोई बदलाव नहीं किया है। संशोधनों में यह भी किया गया है कि अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में सीईसी और ईसी के खिलाफ कोई नागरिक या आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है। इसके अलावा नए विधेयक में पैनल पांच नामों की लिस्ट तैयार करेगा। कैबिनेट सेक्रेटरी और दो सीनियर ऑफिसर्स इस सर्च कमेटी पहले तय करने का प्रस्ताव था लेकिन अब सर्च कमेटी में कैबिनेट सचिव की जगह पर केंद्रीय कानून मंत्री होंगे।

यह भी पढ़ें:

बगिया गांव के सरपंच से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री तक का कैसा रहा विष्णुदेव साय का सफर

PREV

Recommended Stories

टी-शर्ट छोड़ खादी कुर्ते में नजर आए राहुल गांधी, संसद में बताया क्या है इरादा
Census 2027: डिजिटल होगी भारत की अगली जनगणना, संसद में सरकार ने बताया पूरा प्रॉसेस